बिहार

तीन तलाक से परेशान मुस्लिम लड़की बनी गायत्री… फिर राम के साथ मंदिर में रचाई शादी … 

पटना : तीन तलाक से परेशान होकर एक मुस्लिम लड़की ने हिंदू हमसफ़र चुना और तीन तलाक का विरोध करते हुए मुस्लिम धर्म छोड़कर नेहा खान से गायत्री देवी बनी तथा अपने प्रेमी राम जीवन के साथ भगवान को साक्षी मानते हुए सात फेरे लिए और शादी रचाई इस दौरान मुस्लिम से हिंदू बनी लड़की की शादी देखने के लिए मौके पर सैकड़ों लोग जमा हो गए और तरह-तरह की चर्चा करने लगे तो इन दोनों को आशीर्वाद देने के लिए स्थानीय विधायक भी अपने समर्थक के साथ पहुंचे । जहां नेहा खान से गायत्री देवी बनी दुल्हन ने कहा कि हमें मुस्लिम धर्म के तीन तलाक से नफरत थी इसलिए हमने अपना हमसफ़र हिंदू चुनाव और उसके साथ शादी की। आइए जानते हैं इन दोनों के लव स्टोरी के बारे में…

 

आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली यह हिंदू मुस्लिम प्रेमी जोड़ी पिछले कई महीने से एक दूसरे से प्रेम करते थे। लेकिन धर्म अलग होने के कारण दोनों के घर वाले इन्हें अपनाने को तैयार नहीं थे। जिससे परेशान होकर दोनों उत्तर प्रदेश से भागकर सिवान अपने रिश्तेदार के यहां पहुंचे और एक दूसरे के साथ शादी करने की बात बताई।

घरवाले से बगावत कर अंतर्जातीय शादी करने के लिए नेहा और राम सिवान के पचरुखी चीनी मिल स्थित शिव मंदिर के पुजारी रामेश्वर पांडे से मिली और शादी करने की बात बताई। जैसे ही पुजारी ने लड़की को मुस्लिम सुना वह भी शादी करने से इंकार कर रहा था ।लेकिन जब लड़की के द्वारा मुस्लिम धर्म के तीन तलाक का विरोध किया गया और काफी मिन्नत की गई तो पुजारी शादी के लिए तैयार हो गया । तो पुजारी के पास मुस्लिम लड़की और हिंदू लड़के को जाते देख आसपास के लोग वहां जमा हो गए और इन दोनों की शादी  को देखने लगे ।फिर पुजारी के द्वारा नेहा खान को गंगा जल से शुद्ध किया गया और गायत्री मंत्र पढ़ाते हुए उसका नाम गायत्री रखा गया। नामाकरण  के बाद गायत्री और राम की शादी शिव मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार करा दी गई। शादी को देखने के लिए आसपास के सैकड़ों लोगों के साथ साथ विधायक श्यामबहादुर सिंह भी मौके पर पहुंचे तथा दोनों जोड़े को आशीर्वाद देते हुए कहां की प्रेम विवाह करने में कोई बुराई नहीं है समाज में ऐसे साथियों को भी सम्मान देना चाहिए।

 

वही इस शादी को लेकर जब दुल्हन गायत्री देवी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हम अपनी मर्जी से रामजीवन के साथ शादी किया है। ऐसा इसलिए कि हमें हमेशा से ही हमारे धर्म में चल रहे तीन तलाक पसंद नहीं था शादी के बाद तीन बार तलाक कहते हुए पत्नी और बच्चे को छोड़ देना कहां का न्याय है इसके लिए हमने कॉलेज में ही अपना हमसफ़र हिंदू चुना और उससे प्यार किया फिर शादी के लिए घरवालों से बगावत कर यहां पहुंची जहां अपना धर्म परिवर्तन करते हुए हम ने शादी कर लिया।

 

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