नई दिल्ली (पीटीआई)। टाटा समूह की टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज का अधिग्रहण करने से देश की सबसे बड़ी कंपनी एयरटेल को अपनी स्थिति मजबूत करने और आइडिया-वोडाफोन के विलय से बनने वाली नई टेलीकॉम कंपनी से टक्कर लेने में मदद मिलेगी। साल भर पहले मुकेश अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस जियो के प्रवेश से शुरू हुआ उद्योग का कंसोलिडेशन अब एक मुकाम पर पहुंचता दिखाई दे रहा है। जहां तीन मजबूत कंपनियां बाजार में मौजूद होंगी।
इस अधिग्रहण से एयरटेल को टाटा टेली के करीब चार करोड़ ग्राहक मिल जाएंगे। बाजार विशेषज्ञों ने सौदे को दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद बताया है। इस सौदे के बाद एयरटेल के लिए आइडिया और वोडाफोन के विलय से बनने वाली टेलीकॉम कंपनी का सामना करना भी आसान होगा। इस सौदे के बाद एयरटेल के ग्राहकों की संख्या 32 करोड़ पहुंच जाएगी। वहीं आइडिया और वोडाफोन के विलय से बनने वाली कंपनी के ग्राहकों की संख्या 40 करोड़ होगी। रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि इस सौदे से भारती एयरटेल का क्रेडिट प्रोफाइल मजबूत होगा। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी मजबूत होगी। कंपनी के नेटवर्क की स्थिति और 4जी स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो में भी सुधार होगा। रेटिंग एजेंसी का यह भी कहना है कि अगर अपने निवेश की भरपाई करनी है तो निकट भविष्य में जियो को अपना टैरिफ बढ़ाना होगा।
बाजार ने किया फैसले का स्वागत
टाटा टेली के अधिग्रहण की खबर के बाद भारती एयरटेल के शेयरों में जबर्दस्त उछाल आया। शुक्रवार को बीएसई में कंपनी के शेयर 7.89 फीसद उछलकर 431.60 रुपये पर बंद हुए। एनएसई में कंपनी के शेयर 7.65 फीसद बढ़कर 430.90 रुपये पर पहुंच गए। इस तेजी के बाद कंपनी का बाजार पूंजीकरण 12,612.79 करोड़ रुपये बढ़कर 1,72,527.79 करोड़ रुपये पहुंच गया। दोनों प्रमुख शेयर बाजारों में एयरटेल टॉप गेनर रही।
आइडिया-वोडाफोन सौदे को शेयरधारकों की मंजूरी
आइडिया सेल्युलर के शेयरधारकों ने वोडाफोन के साथ मोबाइल कारोबार के विलय को मंजूरी दे दी है। आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी आइडिया ने बताया कि 12 अक्टूबर को हुई बैठक में 99 फीसद से ज्यादा शेयरधारकों ने सौदे के पक्ष में वोट दिया। इससे पहले दोनों कंपनियों ने नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल से सहमति हासिल की है। अब अंतिम चरण के तौर पर सौदे को टेलीकॉम विभाग से मंजूरी लेनी है।