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तस्लीमा का सवाल, ‘अगर शरणार्थी हिंदू या बौद्ध होते तो क्या बांग्लादेश शरण देता?’

म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों का पलायन अब भी जारी है। हज़ारों-लाखों की संख्या में रोहिंग्या बांग्लादेश पलायन कर चुके हैं और अब भी यह पलायन जारी है। बांग्लादेश ने रोहिंग्या लोगों को अपने यहां शरण दी है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने ख़ुद राहत शिविरों का दौरा किया था और मदद का वादा किया था।

शेख हसीना ने कहा था कि रोहिंग्या मुसलमानों को वापस लेने के लिए वे म्यांमार पर दबाव डालेंगी लेकिन अगर पलायन करने वाले ये लोग हिंदू, बौद्ध, ईसाई होते और मुस्लिम नहीं होते तो…?

ये सवाल हम नहीं जानी-मानी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने उठाया है। तस्लीमा ने एक ट्वीट किया है और एक सवाल पूछा है। तस्लीमा लिखतीं हैं, ‘बांग्लादेश ने रोहिंग्या लोगों को सिर छिपाने के लिए जगह दी है।  अगर ये लोग मुस्लिम न होकर हिंदू, बौद्ध, ईसाई या यहूदी होते तो ? ये छत इंसानियत के लिए नहीं बल्कि वोट के लिए दी गई है।

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