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तत्काल टिकट हेराफेरी के मामले में हुआ बड़ा खुलासा, गिरफतार हुआ सीबीआई प्रोग्रामर

नई दिल्ली : ट्रेनों में तत्काल टिकट नहीं मिलने के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। सॉफ्टवेयर के सहारे तत्काल टिकट बुक करने के मामले में सीबीआई का एक प्रोग्रामर गिरफ्तार हुआ है। हैरानी की बात यह है कि यह सॉफ्टवेयर सीबीआई के असिस्टेंट प्रोग्रामर अजय गर्ग ने बनाया था।

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अजय गर्ग के बनाए सॉफ्टवेयर को बुकिंग एजेंटों तक जौनपुर का अनिल कुमार गुप्ता पहुंचाता था। सॉफ्टवेयर से बुकिंग एजेंट एक साथ सैकड़ों तत्काल टिकट बुक कर सकता था और इसके लिए आम लोगों से अधिक कीमत वसूलता था। तत्काल टिकट से होने वाली अतिरिक्त कमाई का एक हिस्सा गुप्ता के पास जाता था। वह बाद में अजय गर्ग तक उसका हिस्सा पहुंचा देता था।

सॉफ्टवेयर के माध्यम से अजय गर्ग एक-एक टिकट की जानकारी रखता था और उसी के हिसाब से अपना कमीशन लेता था। अनिल कुमार गुप्ता से वह बिटकॉइन में हिस्सा लेता था। एफआईआर दर्ज करने के साथ ही सीबीआई ने अजय गर्ग और अनिल कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है।

अजय को विशेष अदालत ने पांच दिन के लिए सीबीआई की रिमांड पर भेज दिया है, वहीं जौनपुर में गिरफ्तार किए गए अनिल गुप्ता को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जा रहा है। सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई और जौनपुर में 14 स्थानों पर छापा मारा। इसमें 89 लाख रुपए नकद, 61 लाख रुपए के गहने, 15 हार्ड डिस्क, 52 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड 10 नोटबुक, 19 पेन ड्राइव और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

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