नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिनेत्री और भाजपा सांसद हेमा मालिनी की जीवनी ‘बियॉन्ड द ड्रीमगर्ल’ में एक छोटी सी प्रस्तावना लिखी है। स्टारडस्ट के पूर्व संपादक और निर्माता राम कमल मुखर्जी की यह किताब 16 अक्टूबर को अभिनेत्री के 69वें जन्मदिन पर लॉन्च होगी। इस दिन भारतीय सिनेमा में हेमा मालिनी के 50 साल भी पूरे हो जाएंगे। मुखर्जी ने बताया, ‘हेमाजी के लिए अपनी भावनाओं के बारे में हमारे प्रधानमंत्री ने पुस्तक में बहुत संक्षेप में लिखा है। यह एक लेखक के रूप में मेरे लिए और हेमा जी के लिए भी बहुत गर्व की बात है और शायद पहली बार किसी पदस्थ प्रधानमंत्री ने एक बॉलीवुड कलाकार पर आधारित किताब के लिए प्रस्तावना लिखी है।’
हेमा मालिनी ने 1999 में गुरदासपुर, पंजाब में भाजपा उम्मीदवार के लिए लोकसभा चुनावों में प्रचार किया था। वह अभी मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा की सांसद हैं।
मुखर्जी ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि हेमाजी की साख और कला एवं सिनेमा में योगदान के कारण ही मोदी जी प्रस्तावना लिखने के लिए राजी हुए। जब मैं उनके कार्यालय से बात कर रहा था, तब वह यह जानकर काफी खुश थे कि हेमाजी ने किताब में अपनी बात को सिर्फ बॉलीवुड तक ही सीमित नहीं रखा है।’ यह किताब 23 अध्यायों में बंटी हुई है। इसमें उनके बचपन, किशोरावस्था, बॉलीवुड, अभिनेत्री के रूप में उनका उदय, प्रेम, सह-कलाकारों, बैले नृत्य, एक निर्देशक के रूप में फिल्म ‘दिल आशना है’ में शाहरुख खान को लॉन्च करना, उनके राजनैतिक जीवन और आध्यात्मिक यात्रा को दर्शाया गया है। किताब में उनकी बेटियों एशा और अहाना के बारे में भी दो अध्याय हैं।
मुखर्जी ने कहा, ‘उन्होंने आगरा में हुई दुर्घटना और एक गायिका के रूप में अपने करियर के बारे में भी बात की है। हमने इन सबको ‘ब्लिस’ नामक अध्याय में लिखा है। इस किताब में हेमा जी के परिवार के बारे में भी बताया गया है, जिनके बारे में पहले कभी प्रकाशित नहीं किया गया। इस किताब में हेमा जी के व्यक्तिगत, पेशेवर और राजनीतिक जीवन से जुड़ी कई तस्वीरें होंगी।’ यह पूछे जाने पर कि आपने मोदी को प्रस्तावना लिखने के लिए राजी कैसे किया, मुखर्जी ने कहा, ‘दो साल पहले जब मैंने यह किताब लिखनी शुरू की थी तब मेरे मन में यह ख्याल नहीं आया था। मैं प्रस्तावना लिखने के लिए किसी और की तलाश कर रहा था। जब मैंने हेमा से मोदी जी के बारे बात की तब उन्होंने कहा कि आपका दिमाग खराब हो गया है। जब मैंने उनसे कहा कि प्रयास करने में कोई बुराई नहीं है तो वह राजी हो गई।’