भाकपा माओवादियों ने झारखंड बंद के दौरान खूंटी जिले में शुक्रवार को दिनदहाड़े एक पाईप लदे ट्रेलर को आग के हवाले कर उसके चालक जोगा सिंह को पहले गोली मारी उसके बाद उसी में जिंदा जला दिया। जोगा सिंह पंजाब के अमृतसर के रहने वाले थे। जो राउरकेला से त्रिलोचन सिंह के ट्रेलर से लोहे की पाईप लेकर जमशेदपुर जा रहे थे। चालक नक्सली बंद से बेखबर थे। यह घटना खूंटी-तमाड़ रोड में सोयको थाना क्षेत्र के आड़ा घाटी के पास की है। कुछ वाहन चालकों ने पुलिस को बताया कि नक्सलियों की संख्या 10-15 थी। जिन्होंने ट्रेलर को रोकर पहले चालक जोगा सिंह को गोली मारी उसके बाद ट्रेलर की टंकी से डीजल निकालकर उसमें आग लगा दी। देखते ही देखते चालक जल गया।
सूचना मिलते ही सोयको थाना प्रभारी भगवान प्रसाद झा दलबल के साथ आड़ा घाटी पहुंचे तब तक नक्सली घटना को अंजाम देकर जा चुके थे। उस वक्त ट्रेलर धूं-धूं कर जल रहा था। पुलिसकर्मियों ने आगे बुझाने का प्रयास कर ही रहे थे कि पीछे से कुछ और ट्रेलर आ गये, सभी ने मिलकर आग बुझाने का काम किया। लेकिन तब तक ट्रेलर चालक जोगा सिंह की मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलते ही एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा, एएसपी अभियान अनुराग राज, एसडीपीओ रणवीर सिंह, अड़की थाना प्रभारी चंद्रशेखर आजाद समेत बड़ी संख्या में पुलिस के जवान पहुंचे थे।
भाकपा माओवादियों ने एक सप्ताह पूर्व खूंटी समेत पूरे इलाके में पोस्टरबाजी कर तीन दिन के शहीद सप्ताह और तीन अगस्त को झारखंड-बिहार बंद का ऐलान किया था। नक्सलियों ने घटना को अंजाम देने के लिए जिस आड़ा घाटी को चुना उसके दोनों ओर तीन-चार किमी की दूरी में कूड़ापूर्ति व हुंठ में पुलिस कैंप है। इसके अलावा इन दोनों पुलिस कैंप से पहले एक तरफ सोयको थाना तथा दूसरी ओर अड़की थाना है। बावजूद इसके नक्सलियों ने बड़ी घटना को अंजाम दे आराम से निकल गए। खूंटी-तमाड़ रोड में पुलिस की गस्ती टीम भी थी, लेकिन नक्सलियों ने सब को धता साबित करते हुए घटना को अंजाम दिया।
मृतक जोगा सिंह के ट्रेलर के साथ पीछे चल रहे ट्रेलर के चालक सतराम सिंह ने बताया कि उन्हें नक्सली बंद की उन्हें जानकारी नहीं थी। जैसे ही तमाड़ रोड में इंटर किए बंद होने का एहसास हुआ। इसी बीच वे लोग कूड़ापूर्ति पहुंच गए। पुलिस वालों ने कूड़ापूर्ति में तीन-चार गाड़ियों को रोक दिया। सतनाम सिंह ने बताया कि उसके साथ चल रहे जोगा सिंह यह कहते हुए कूड़ापूर्ति से आगे निकल गए कि चल पुत्तर जहां मरना लिखा होगा वहीं मरेंगे। लेकिन, 4 किमी आगे गए ही थे कि उसके मित्र की गाड़ी जल रही थी। यह देख वह दूर में ही गाड़ी रोक दिया। कुछ ही देर बाद पीछे से पुलिस पहुंची और आग बुझाने में जुट गए। इसी क्रम में पता चला कि चालक को जिंदा जला दिया गया है। यह खबर फैलते ही उक्त पथ में वाहनों का परिचालन रुक गया।