रांची . शहर के एक घर में सोमवार सुबह एक ही परिवार के सात लोगों की लाश मिली। दो शव फंदे पर लटके मिले। पांच शव बिस्तर पर पड़े थे। परिवार कांके ब्लॉक में बने घर में किराए पर रहता था। बताया जा रहा है कि परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी। चार महीने से मकान का किराया भी नहीं दिया गया था। हो सकता है कि आर्थिक दिक्कतों के चलते ही सभी ने खुदकुशी की हो।
घर में दीपक झा का परिवार रहता था। यह परिवार मूल रूप से बिहार के भागलपुर का रहने वाला था। मृतकों में दीपक झा (45) पत्नी पिंकी झा (40), दीपक का छोटा भाई रुपेश (30), दीपक की बेटी दृष्टि (5), बेटा जंगू (डेढ़ साल) और बुुजुर्ग माता-पिता शामिल हैं। दीपक और भाई रुपेश के शव फांसी के फंदे से लटके मिले। पड़ोसियों के मुताबिक दीपक के बेटे जंगू की तबीयत उसके जन्म से खराब रहती थी। परिवार ने जंगू के इलाज के लिए करीब 20 लाख रुपए का कर्ज लिया था।
पड़ोसियों के मुताबिक बेटी दृष्टि को स्कूल ले जाने के लिए सुबह वैन पहुंची। ड्राइवर ने हॉर्न बजाया पर घर से कोई बाहर नहीं निकला। इसके बाद दूसरे किराएदार का एक बच्चा दृष्टि को स्कूल वैन आने की जानकारी देने घर में गया। अंदर का हाल देखकर वह डर गया और चीखते हुए बाहर आया। इसके बाद मकान मालिक और पुलिस को सूचना दी गई। इससे पहले 14 जुलाई को हजारीबाग में एक ही परिवार के 6 सदस्यों की मौत हो गई थी। यह परिवार 70 वर्षीय महावीर माहेश्वरी का था। पुलिस अब तक इस मामले में यह स्पष्ट नहीं कर सकी है कि यह आत्महत्या थी या फिर हत्या।