झारखंड के अलग राज्य बनने का इतिहास देश के आजादी के इतिहास से कम नहीं। वीर सपूत मूलवासी आदिवासियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्मल महतो की शहादत दिवस के मौके पर जेल चौक में आयोजित कार्यक्रम में कही। वहीं इस मौके पर कुड़मी विकास मोर्चा के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि हमें अलग राज्य वीर सपूतों के बलिदान से मिला है। साथ ही उन्होंने सरकार से 8 अगस्त को राजकीय अवकाश की मांग की। इस मौके पर दोनों दलों के नेताओं ने बारी-बारी से निर्मल महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। साथ ही इस मौके पर हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि निर्मल महतो की अगुवाई में हमें अलग राज्य प्राप्त हुआ है। अलग राज्य बनाने के लिए हमारे वीर सपूतों ने काफी संघर्ष किया उसी का परिणाम है कि आज यह झारखंड राज्य बना है।
इसके अलावा मौके पर रिम्स ब्लड बैंक के सहयोग से रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें 46 यूनिट बल्ड का संग्रहण किया गया। साथ ही रक्तदाता को डोनर कार्ड एवं सर्टिफिकेट भी दिया गया।
मौके पर कुड़मी विकास मोर्चा के राजेन्द्र महतो, रचिया महतो, राजेश महतो, रूपलाल महतो, सुनील महतो, कुलदीप महतो। झामुमो के विनोद पांडेय, सुप्रियो, महुआ मांझी, सुशिला एक्का, मुश्ताक आलम, अशोकनाथ, आशुतोष कुमार, नितिन अग्रवाल, धमेंद्र सिंह, वर्षा गाड़ी आदि मौजूद थे।
झारखंड के पुरोधा एवं आजसू के संस्थापक शहीद निर्मल महतो का अलग राज्य के आदोलन में अमूल्य योगदान रहा है। उनके विचारों को हम मरने नहीं देंगे। आजसू उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाएगी। उनके सपनों का झारखंड हम सब मिल कर तैयार करेंगे। यह बातें आजसू छात्र इकाई के प्रदेश प्रभारी हरीश कुमार ने कही। इन्होंने बुधवार को जेल मोड़ स्थित शहीद निर्मल महतो चौक पर शहादत दिवस मनाया। उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। प्रदेश कोषाध्यक्ष कोषाध्यक्ष गदाधर महतो ने कहा कि निर्मल दा के बलिदान से हमें राज्य के नवनिर्माण की प्रेरणा मिलती है। उनके आदशरें पर चल कर ही सपनों का झारखंड बनाया जा सकता है। राजकिशोर महतो ने कहा कि आजसू ने शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस पर उनके विचारों को फैलाने का संकल्प लिया है। मौके पर प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह, प्रदेश सचिव ओम वर्मा, चेतन प्रकाश, मोलीलाल महतो, नीतीश सिंह, जमाल गद्दी, राहुल तिवारी, मो हुसैन, अर्जुन गुप्ता, मोहित पाडेय, मो. अल्ताफ आलम सहित अन्य थे।