सरकार की ओर से शुरू की गई जनधन योजना के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। जिन राज्यों में प्रधानमंत्री जनधन खातों की सबसे अधिक संख्या है, उन राज्यों में ग्रामीण मुद्रास्फीति निम्न स्तर पर आ गई है। यह जानकारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च रिपोर्ट ईकोरैप में सामने आई है। साथ ही देशभर में बीते वर्ष नोटबंदी के बाद से जनधन खातों में इजाफा देखने को मिला है। अबतक देश में 30 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खोले जा चुके हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जनधन खाते वाले टॉप 10 राज्यों में लगभग 23 करोड़ खाते खोले गए हैं। यह कुल जनधन खातों का 75 फीसद है। देशभर में इन खातों की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश में है। यूपी में 4.7 करोड़ जनधन खाते खोले जा चुके हैं। इसके बाद अगले पायदान पर बिहार है, जहां 3.2 करोड़ खाते हैं। वहीं, तीसरे पर पश्चिम बंगाल है जहां 2.9 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 60 फीसद जनधन खाते सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही खुले हैं। वहीं, देश के जिन राज्यों में यह खाते सबसे ज्यादा खुले हैं, वहां ग्रामीण मुद्रास्फीति निम्न स्तर पर है। इससे पता चलते है कि देश की अर्थव्यवस्था औपचारिक रूप ले चुकी है।
उल्लेखनीय है कि जनधन योजना को इस साल अगस्त में तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों के लिए इस योजना को ऐतिहासिक पहल बताया था। वहीं, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 23 सिंतबर को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा के 72वें सत्र में संबोधन देते हुए जनधन योजना की सरहाना की थी।