नई दिल्ली : गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी सत्ता बरकरार रखने में सफल रही है। कांग्रेस ने हालांकि यहां पांच वर्ष पहले हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले अपने आंकड़ों में सुधार किया है। बीजेपी ने कुल 99 सीटों पर जीत दर्ज की है और कांग्रेस ने यहां 77 सीटों पर जीत मिली है। निर्दलीयों ने तीन, भारतीय ट्रायबल पार्टी को दो व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को एक सीट मिली है। बीजेपी 25 साल में पहली बार 100 से कम सीटें जीती है।
गुजरात नतीजों से जुड़ी ये है कुछ खास बातें –
2012 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले बीजेपी की तुलना में एक प्रतिशत बढ़ा है लेकिन उन्हें 16 सीटें गवांनी पड़ी। 1995 के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोटों का अंतर कम हो गया है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच अब ये अंतर 7.7 फीसदी का रह गया है जबकि 2012 में ये 9 फीसदी था।
गुजरात चुनावों में सबसे बड़ी जीत बीजेपी के भूपेंद्र पटेल को मिली है। भूपेंद्र घटलेडिया सीट से कांग्रेस के शशिकांत पटेल को 1.17 लाख वोट से हराया है।
गुजरात चुनावों में कपराडा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार जीतू चौधरी ने बीजेपी उम्मीदवार मधु राउत को 170 वोटों से हराया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन साल के कार्यकाल के पहले तीन सालों में 18 में से 12 पर चुनाव जिताए। वहीं इंदिरा गांधी ने 1967 में पीएम बनने के बाद तीन सालों में हुए 17 चुनावों में से 13 में जीत दिलाई थी।
गुजरात में जीएसटी प्रभाव वाली 28 में से 26 सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई है। इसमें सूरत की 16 में से 15 सीटों पर जीत हासिल की है।
गुजरात में पीएम मोदी ने 34 रैलियां की थी जिसका प्रभाव 134 सीटों पर था। इन 134 सीटों में से बीजेपी ने 72 सीटों पर जीत हासिल की है।
राहुल गांधी ने गुजरात चुनावों में 30 रैलियां की थी जिनका प्रभाव 120 सीटों पर था। कांग्रेस ने इन 120 सीटों में से 62 पर जीत हासिल की है।
पटेल आंदोलन का केन्द्र अहमदाबाद रहा था। बीजेपी ने यहां की 16 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस को सिर्फ चार सीटों पर जीत हासिल हुई है।
बीजेपी को 13 सीटों पर 5000 से कम के अंतर से जीत हासिल हुई।
पाटीदार, ओबीसी और दलित आंदोलनों का प्रभाव बीजेपी की जीत पर नहीं पड़ा। बीजेपी ने इन सभी आंदोलन वाले इलाकों में 2012 के चुनाव के मुकाबले एक सीट भी नहीं गंवाई।