जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में श्रद्धालुओं से भरी बस के चेनाब नदी में गिरने में दर्दनाक हादसा हो गया है। जानकारी के मुताबिक इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई है। यह भी कहा जा रहा है कि हादसे में सिर्फ 5 साल का बच्चा ही जीवित बच सका है।
सभी श्रद्धालु माछिल मात्रा की यात्रा पर जा रहे थे। माछिल माता यात्रा 43 दिवसीय यात्रा होती है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैद ने भी हादसे की पुष्टि की। उन्होंने बताया, ‘किश्तवाड़ में एक और बड़ा हादसा। श्रद्धालुओं को माछिल माता की यात्रा पर ले जा रहा वाहन चेनाब नदी में फिसल कर गिर गया। घटना किश्तवाड़ से करीब 28 किमी दूर हुई। इस हादसे में एक 5 साल का बच्चा ही अकेला जीवित मिला है।’
वहीं दूूूूसरी और जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भूस्खलन के मलबे में दबकर 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं नौ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि प्रभावित लोग सड़क से गुजर रहे थे उसी समय एक पहाड़ी टूटकर उनके ऊपर गिर पड़ी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि किश्तवाड़-पद्दार रोड पर कुल्लीगाड में यह हादसा हुआ। एक पहाड़ी से भारी मात्रा में पत्थर और मलबा नीचे गिरने लगा। इसी सड़क से अपने वाहनों से गुजर रहे लोगों के ऊपर यह मलबा आकर गिरा।
हादसे में 5 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि नौ अन्य यात्रियों को बचा लिया गया और एक अस्पताल ले जाया गया जहां इनमें से कुछ लोगों की हालत गंभीर बतायी गयी है। अधिकारियों ने बताया कि वाहन में उधमपुर के श्रद्धालु सवार थे जो पद्दार घाटी में मचैल मंदिर की ओर जा रहे थे।
इस बीच विधायक जी.एम.सरूरी ने कहा है कि 100 मीटर का सड़क का हिस्सा, जहां वाहन पर पहाड़ से बड़ी चट्टान लुढ़क कर गिरी, इस तरह के हादसों के लिए बेहद संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि हमने कई बार अधिकारियों से इस हिस्से की भूस्खलन से सुरक्षा के मुद्दे को उठाया है। सरूरी ने कहा कि वह राज्यपाल एनएन.वोहरा से इस दिशा में तत्काल कदम उठाने की अपील करेंगे।
अधिकारी ने बताया कि ने बताया कि किश्तवाड़-पद्दार रोड पर कुल्लीगाड में यह हादसा हुआ। एक पहाड़ी से भारी मात्रा में पत्थर और मलबा नीचे गिरने लगा। इसी सड़क से अपने वाहनों से गुजर रहे लोगों के ऊपर यह मलबा आकर गिरा। अधिकारी ने बताया कि नौ अन्य यात्रियों को बचा लिया गया और एक अस्पताल ले जाया गया जहां इनमें से कुछ लोगों की हालत गंभीर बतायी गयी है। अधिकारियों ने बताया कि वाहन में उधमपुर के श्रद्धालु सवार थे जो पद्दार घाटी में मचैल मंदिर की ओर जा रहे थे।
इस बीच विधायक जी.एम.सरूरी ने कहा है कि 100 मीटर का सड़क का हिस्सा, जहां वाहन पर पहाड़ से बड़ी चट्टान लुढ़क कर गिरी, इस तरह के हादसों के लिए बेहद संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि हमने कई बार अधिकारियों से इस हिस्से की भूस्खलन से सुरक्षा के मुद्दे को उठाया है। सरूरी ने कहा कि वह राज्यपाल एनएन.वोहरा से इस दिशा में तत्काल कदम उठाने की अपील करेंगे।
43 दिनों तक चलने वाली मचैल यात्रा की शुरुआत 25 जुलाई को हुई और अब तक 1.50 लाख से अधिक तीर्थयात्री देवी दुर्गा माता के मंदिर में पूजा-अर्चना कर चुके हैं।