कारोबार

चुनाव से पहले व्यापारियों को बड़ी राहत, जीएसटी की पेनल्टी माफ

नई दिल्ली- गुजरात विधान सभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने व्यापारियों को बड़ी राहत दी है। केंद्र ने अगस्त और सितंबर में जीएसटी के शुरुआती रिटर्न फाइल करने में विलंब होने पर कारोबारियों पर लगी पेनल्टी को माफ करने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक ट्वीट कर इस निर्णय की घोषणा की।
जेटली ने कहा कि करदाताओं की मदद के लिए सरकार ने अगस्त और सितंबर के लिए जीएसटीआर-3बी विलंब से फाइल करने पर लगी पेनाल्टी को माफ करने का फैसला किया है। जिन करदाताओं ने लेट फी का भुगतान कर दिया है उसे उनके खाते में वापस कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने जुलाई के लिए जीएसटी रिटर्न जमा करने में हुई देरी के चलते व्यापारियों पर लगी लेट फीस को माफ कर दिया था। कारोबारियों की मांग रही है कि सरकार को जीएसटीआर3बी दाखिल करने में हुई देरी के चलते उन पर लगी लेट फीस को माफ करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि अगर कोई व्यक्ति समय पर रिटर्न दाखिल नहीं करता है तो जीएसटी कानून में उस पर लेट फीस लगाने का प्रावधान है। जीएसटी रिटर्न दाखिल करने और टैक्स का भुगतान न करने पर केंद्रीय जीएसटी और एसजीएसटी के लिए सौ-सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पेनाल्टी देनी पड़ती है।

बहरहाल सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब कुछ ही हफ्तों में गुजरात विधान सभा के चुनाव होने जा रहे हैं। वहां जीएसटी को लेकर व्यवसाइयों में नाराजगी रही है। इसके अलावा एक तथ्य यह भी है कि बीते तीन महीने में जीएसटी-3बी जमा करने वाले व्यापारियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। जुलाई में जहां 55.87 लाख व्यापारियों ने जीएसटीआर-3बी दाखिल किया वहीं अगस्त में यह संख्या घटकर 51.37 लाख और सितंबर में 42 लाख रह गयी। इसलिए यह ट्रेंड सरकार के लिए चिंता बढ़ाने वाला है। एक पहलू यह भी है कि बड़ी संख्या में लोग अंतिम तिथि के बाद जीएसटीआर-3बी फार्म जमा करते हैं।

जुलाई के लिए अंतिम तिथि तक 33.98 लाख कारोबारियों ने जीएसटीआर-3बी जमा किया था जो संख्या अब बढ़कर 55.87 लाख हो गयी है। इसी तरह अगस्त के लिए अंतिम तिथि तक 28.46 लाख कारोबारियों ने जीएसटीआर-3बी जमा किया जिनकी संख्या अब बढ़कर 51.37 लाख हो गयी है। सितंबर के लिए भी यही ट्रेंड जारी रह। सितंबर के लिए अंतिम तिथि तक 39.4 लाख रिटर्न जमा हुए जबकि सोमवार तक यह आंकड़ा बढ़कर 42 लाख हो गया है।

कब लगता है जुर्माना: जीएसटीआईर-3बी फाइलिंग में देरी करने पर प्रति दिन 200 रुपए के हिसाब से जुर्माना लगता है। इसे तकनीकी भाषा में फीस कहा जाता है यानि अगर 200 रुपए की फीस हुई तो इसमें से 100 रुपए सीजीएसटी और 100 रुपए एसजीएसटी होगा। वहीं अगर आप 10 दिन की देरी करते हैं तो आपको 100 रुपए की फीस देनी होगी।

क्या होगा फैसले का असर: इस फैसले का असर साफ तौर पर करदाताओं पर दिखाई देगा। यानी अगर किसी करदाता ने देरी के कारण 2000 रुपए की फीस अदा कर दी है तो उसके इलेक्ट्रॉनिक लेजर में यह राशि 1000 रुपए सीजीएसटी और 1000 रुपए एसजीएसटी में दिखने लगेगी और यह राशि करदाता के अगले रिटर्न में एडजस्ट कर दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *