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चीन बॉर्डर के पास एयरफोर्स का MI 17 क्रैश, 7 की मौत

तकनीकी खराबी के चलते भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है। अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा से 12 किमी दूर ये हादसा हुआ है। MI17 V5 हेलिकॉप्टर क्रैश होने से 7 लोगों की मौत हो गई है। बता दें कि 8 अक्टूबर को ही वायुसेना दिवस मनाया जाएगा। दुर्घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है। वायुसेना ने मौके पर राहत कार्य के लिए टीम रवाना कर दी है। यह हादसा अरुणाचल प्रदेश के तवांग के पास खिरमू क्षेत्र में हुआ है। हेलिकॉप्टर आर्मी के लिए एयर मेंटेनेंस का सामान ले जा रहा था। यह हादसा सुबह करीब 6 बजे हुआ।

एयर चीफ ने जताई थी चिंता
एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने गुरुवार को ही प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि शांति के समय में भी जवानों की मौत होना काफी चिंताजनक है। हम एक्सिडेंट को कम करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी कम संख्या में फाइटर हैं, लेकिन हम किसी भी तरह के टास्क को पूरा करने में सक्षम हैं। भारतीय वायुसेना के विमानों के हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को भी अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा से 12 किमी दूर MI17 V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई है जबकि एक घायल हो गया। आठ अक्टूबर को वायुसेना दिवस से पहले यह हादसा हुआ है। इससे पहले भी अरुणाचल प्रदेश में 23 मई को सुखोई-30 एमकेआई विमान लापता हो गया था और बाद में उसका मलबा बरामद हुआ था। 23 मई को दिन में साढ़े 10 बजे तेजपुर एयरबेस से उड़ान भरने के बाद तकरीबन 11 बजकर 10 मिनट पर इस विमान का रडार से संपर्क टूट गया था।

70 के दशक में ज्यादा खराब थी स्थिति
वायुसेना के एक पूर्व अधिकारी की माने तो 1970 के दशक में लड़ाकू विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले काफी ज्यादा थे, लेकिन अब इनमें कमी आई है। उनका कहना है कि साल 1970 में करीब 50 विमान क्रैश हुए थे, जबकि साल 1980 में इनकी संख्या 40 तक पहुंची। साल 1990 तक वायुसेना के दुर्घटनास्त होने के मामलों में और कमी आई और ये संख्या घटकर 30 तक पहुंच गई, लेकिन साल 2000 के बाद अब यह संख्या 11 से 12 के बीच आ गई।

जानिए कब-कब बड़े हादसे का शिकार हुए IAF के विमान

अरुणाचल प्रदेश में 23 मई को सुखोई-30 एमकेआई विमान लापता हो था। बाद में इसका मलबा बरामद हुआ

15 मार्च 2017 को सुखोई लड़ाकू विमान राजस्थान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए।

20 सितंबर 2014 को चंडीगढ़ में एयरक्राफ्ट ने क्रैश लैंडिंग की। इसके चलते विमान में आग लग गई।

मई 2014 को वायुसेना का MiG-21 लड़ाकू विमान जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग में क्रैश हो गया, जिसमें पायलट की मौत हो गई।

28 मार्च 2014 को C-130J सुपर हर्क्यूलिस स्पेशल ऑपरेशन ट्रांसपोर्ट ट्रेनिंग के दौरान क्रैश हो गया। इसमें चालक दल के पाचं लोगों की मौत हो गई।

22 जनवरी 2014 को जगुआर लड़ाकू जेट राजस्थान के बीकानेर जिले में क्रैश हो गया। हालांकि इसमें पायलट और सह पायलट सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे।

13 दिसंबर 2011 को पुणे में सुखोई-30 उड़ान भरने के बाद क्रैश हो गया।

आठ नवंबर 2013 को MiG-29 गुजरात के जामनगर में क्रैश हो गया।

जनवरी 2012 को जोरहाट में लैंडिंग के दौरान AN-32 हादसे का शिकार हो गया।

अरुणाचल प्रदेश में नौ जून 2009 को AN-32 क्रैश हो गया, जिसमें 13 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई।

राजस्थान के जैसलमेर में 20 अप्रैल 2009 को सुखोई लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हो गया।

सात मार्च 1999 को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास AN-32 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें वायुसेना के 18 कर्मियों समेत 21 लोगों की मौत हो गई थी। यह पहली बार था,
जब वायुसेना ने विमान हादसे में इतनी ज्यादा संख्या में अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को खोया था।

पंजाब के खन्ना में एक मार्च 1992 को फॉरमेशन में उड़ाने के दौरान दो AN-32 एयरक्राफ्ट हवा में भिड़ गए।

26 मार्च 1992 को AN-32 असम के जोरहाट के नजदीक पहाड़ों में लापता हो गया।

साल 1991-1992 में त्रिवेंद्रम में विमान दुर्घटना का शिकार हो गया।

साल 1989 में AN-32 दिल्ली से ओडिशा के चारबाटिया जा रहा विमान हादसे का शिकार हो गया।

25 मार्च 1986 को जामनगर से मस्कट जा रहा AN-32 विमान अरब सागर में लापता हो गया। उसका आजतक कोई सुराग नहीं मिला।

22 मार्च 1986 को जम्मू एवं कश्मीर में वायुसेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

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