बीजिंग : चीन ने एक बार फिर कहा है कि डोकलाम उसी का हिस्सा है और वहां डेवलपमेंट हो रहा है। बता दें कि पिछले साल 16 जून को दोनों देशों के बीच डोकलाम विवाद शुरू हुआ था। भारत-चीन की सेनाएं 100 मीटर तक आमने-सामने आ गई थीं। 28 अगस्त को 73 दिन बाद नरेंद्र मोदी के चीन दौरे से पहले विवाद हल हो गया था।
चीन ने भारतीय एम्बेसडर के बयान का दिया जवाब
न्यूज एजेंसी के मुताबिक चीन में भारत के एम्बेसडर गौतम बंबावले ने हाल ही में चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स को इंटरव्यू दिया था। बंबावले ने कहा था कि 3,448 किमी की भारत-चीन बॉर्डर पर संवेदनशील जगहों पर स्टेटस को (यथास्थिति) बरकरार रहनी चाहिए। इस पर चीन के विदेश मंत्रालय की स्पोक्सपर्सन हुआ चुनयिंग ने कहा कि दोनों देशों के बीच जो भी तनाव है, वो एक मैकेनिज्म के जरिए शांति से ही हल किए जाएंगे। इसके लिए माहौल तैयार करना होगा। हमें इस बात की जानकारी है कि भारत की एम्बेसडर ने क्या कहा है?
डोकलाम हमारा हिस्सा
डोकलाम की सैटेलाइट इमेज पर चुनयिंग ने कहा कि जिस डोकलाम पर भूटान अपना हक जताता है, वह दरअसल हमारी टेरेटरी है। हम वहां पर निर्माण का काम कर रहे हैं। डोकलाम की स्थिति पर चीन का रवैया एकदम पहले जैसा ही है। “डोंगलांग (डोकलाम) समेत सीमा से सटे इलाकों में हमेशा चीन की सोवेरीनटी (प्रभुसत्ता) रही है। भारतीय मीडिया डोकलाम में डेवलपमेंट को लेकर रिपोर्ट चलाता रहता है। उन्हें इस बात की ज्यादा चिंता रहती है।”
1890 में चीन-यूके के बीच संधि का हवाला देते हुए चुनयिंग ने कहा, “ऐतिहासिक संधि के चलते भारत-चीन सीमा पर मौजूद सिक्किम सेक्टर को अलग कर दिया गया था। हम इसी बात को मानते हैं।”