चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव की औपबंधिक जमानत को शुक्रवार को रांची हाईकोर्ट ने रद कर दिया और उन्हें 30 अगस्त तक सीबीआइ की विशेष अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया है। इसके बाद लालू को आज मुंबई के एशियन हार्ट हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई जहां वे इलाजरत थे। मुंबई से लालू आज दोपहर बाद 1.40 में पटना पहुंचेंगे। उनके आने के बाद तय होगा कि वो कब सरेंडर करेंगे। उनकी पेरोल की अवधि 27 अगस्त को समाप्त हो रही है।
झारखंड हाई कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने उन्हें 30 अगस्त तक निचली अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया है।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अदालत में लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट पेश की गई। जिसमें कहा गया कि उनका शुगर कंट्रोल नहीं हो रहा है। उन्हें हर दिन 70 इंसुलिन दिया जा रहा है। फिश्चुला (मलद्वार में घाव) के ऑपरेशन के बाद संक्रमण हो गया है। जिसके इलाज के लिए उन्हें मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया है।
सब कुछ सही रहा तो उनका तीन ऑपरेशन किया जाना है। इस कारण उनकी प्रोविजनल बेल की अवधि तीन माह के लिए बढ़ाई जाए। लालू की ओर से कहा गया कि उन्होंने कभी भी हाई कोर्ट से मिली प्रोविजनल बेल का दुरुपयोग नहीं किया है।
इससे पूर्व कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ की ओर से लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट दाखिल की गई। जिसमें कहा गया कि लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट पर कोई विवाद नहीं है। इस रिपोर्ट में कहीं भी उनके जीवन पर संकट की बात नहीं कई गई है। मेडिकल रिपोर्ट में उनको अस्पताल में भर्ती होने की बात नहीं कही गई है बल्कि उनके मेडिकल मॉनीटङ्क्षरग की बात कही गई है।
वहीं, लालू प्रसाद सेल्फ रेफरल पर मुंबई स्थित अस्पताल में भर्ती हुए हैं। लालू की तबीयत में सुधार हो रहा है जिसकी मॉनीटङ्क्षरग अब रिम्स में भी हो सकती है। इस कारण उनकी प्रोविजनल बेल की अवधि नहीं बढ़ाई जानी चाहिए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ाने से इन्कार करते हुए लालू को सरेंडर करने का निर्देश दिया।
लालू प्रसाद को अब रांची के सीबीआइ की विशेष कोर्ट में 30 अगस्त तक सरेंडर करना होगा। कोर्ट ने कहा कि सरेंडर करने के बाद उनकी स्थिति के अनुसार रिम्स या जेल भेजा जा सकता है। अदालत ने कहा कि रिम्स में भर्ती रहने के दौरान आपात स्थिति में रिम्स के चिकित्सक एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के चिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं।
हाई कोर्ट इलाज के लिए लालू प्रसाद की प्रोविजनल बेल की अवधि पांच बार बढ़ाई है। पहले दो बार छह-छह सप्ताह की प्रोविजनल बेल मिली। तीसरी बार एक सप्ताह, चौथी बार दो सप्ताह और पांचवी बार एक सप्ताह की अवधि बढ़ाई गई है। लालू प्रसाद को 11 मई को पहली बार छह सप्ताह के लिए प्रोविजनल बेल मिली थी। चारा घोटाले के चार मामलों में उन्हें सजा सुनाई गई है। उन्हें सबसे बड़ी सजा 14 साल की सुनाई गई है।