रांची : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले के आरोप में दोपहर 3 बजे के बाद स्पेशल सीबीआई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में लालू के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 22 अन्य लोग भी आरोपी हैं। लालू ने फैसला आने से पहले कहा कि वह निर्दोष हैं।
लालू ने कहा कि सबको न्याय मिल रहा है, मैं तो पिछड़ी जाति से हूं, मुझे न्याय मिलने की उम्मीद है। लालू ने कहा कि एक ही आदमी को कई केसों में फंसाया गया है। अपने अंदाज में उन्होंने कहा कि एक ही मुर्गी को नौ बार हलाल किया जा रहा है।
फैसला आने से पहले लालू के बेटे तेजस्वी ने कहा कि हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और ये फैसला हमारे हक में आयेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह 2जी और आदर्श स्कैम में बीजेपी ने प्रोपगैंडा फैलाया था उसी तरह यह केस भी है।
चारा घोटाले के घटनाक्रम से जुड़े यह है कुछ प्रमुख बिंदु –
– मामले में पशुपालन विभाग के दफ्तरों से चारा आपूर्ति के नाम पर धन की हेराफेरी की गई।
– घोटाले से जड़े 53 मामलों में से 44 पर स्पेशल कोर्ट अपना फैसला दे चुकी है।
– सीबीआई ने 5 अप्रैल 2000 को सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए।
– दिसंबर 2000 तक 47 गवाहों के बयान दर्ज हुए।
– 11 मार्च, 1996 को पटना उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इस घोटाले की जांच का आदेश दिया।
– 23 जून, 1997 को सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया और लालू प्रसाद को आरोपी बनाया।
– मामले में 30 जुलाई, 1997 को लालू प्रसाद ने सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण किया।
– फरवरी, 2002 को रांची की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई शुरू हुई।
– 2 जनवरी 2012 तक प्रॉसीक्यूशन की ओर से 350 गवाह पेश हुए।
– लालू प्रसाद इस मामले से जुड़े जज को बदलने की मांग को लेकर हाई कोर्ट भी जा चुके हैं।
– कोर्ट जज को बदलने की लालू यादव की अर्जी ठुकरा भी चुका है।
– मामले में 30 सितंबर 2013 को लालू प्रसाद को 5 मामलों का दोषी पाया गया, जिसके लिए उन पर 11 साल तक कोई चुनाव लड़ने पर प्रतिबन्ध और साथ ही 25 लाख का जुर्माना लगाया।