शहर की महिला क्रिकेटर व विकेटकीपर तानिया भाटिया का श्रीलंका दौरे के लिए चयन हुआ है। इससे पहले भी तानिया भाटिया ब्लू जर्सी के साथ टीम इंडिया के लिए खेल चुकी हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक टी -20 मैच ही खेले हैं। भारत-श्रीलंका के साथ होने वाली इस सीरीज में तानिया टीम टी-20 और वनडे मैच खेलेगी। इस दौरे में भारतीय महिला टीम श्रीलंका के साथ पांच टी-20 और तीन वनडे मैच खेलेगी।
तानिया ने साल 2014 से टीम इंडिया के लिए विकेटकीपिंग कर रही सुषमा वर्मा को रिप्लेस किया है। तानिया भाटिया ने बताया कि उन्होंने भारतीय महिला टीम की तरफ से खेलते हुए सिर्फ टी-20 मैच खेले हैं। दिक्कत यह है कि टी-20 मैच में खेलते हुए आपके पास खुद को साबित करने का ज्यादा समय नहीं होता है, विकेटकीपिंग में तो आप अपनी टीम के लिए सहयोग कर सकते हो, लेकिन बल्लेबाजी में आपको कम गेंदों में ज्यादा रन बनाने होते हैं। टी-20 में रन से ज्यादा आपकी बेहतर रन रेट ज्यादा जरूरी है। तानिया ने कहा, वनडे में खेलने का मौका मिला, तो मैं खुद को साबित करूंगी।
तानिया ने बताया कि आप जितना ज्यादा क्रिकेट खेलते हो, आपमें उतना ही आत्मविश्वास बढ़ता है। मैंने पिछले साल से लेकर अब तक काफी क्रिकेट खेला है। चैलेंजर ट्रॉफी में मेरा प्रदर्शन संतोषजनक रहा। मैंने साउथ अफ्रीका दौरे के साथ टीम इंडिया के लिए खेलना शुरू किया था, उसके आधार अब मुझे श्रीलंका दौरे में जगह मिली है। मेरी कोशिश यही रहेगी कि मैं अपना बेहतर प्रदर्शन करूं, ताकि इसी साल नंवबर महीने में वेस्टइंडीज में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में जाने वाली टीम का हिस्सा बन सकूं।
तानिया ने बताया कि फिलहाल मेरा पूरा ध्यान अपनी विकेट कीपिंग पर है, क्योंकि टीम में मुझे जगह बतौर विकेटकीपर मिली है। ऐसे मैं अगर विकेटकीपिंग करते हुए अगर 30 से 40 एक्सट्रा रन रोक देती हूं और एक दो मुश्किल कैच पकड़ लेती हूं तो टीम के लिए यह सबसे बेहतर योगदान होगा। इसलिए मैं फिलहाल अभी विकेटकीपिंग की ज्यादा प्रेक्टिस कर रही हूं।
एमसीएम डीएवी कॉलेज फॉर वूमेन-36 में बीए थर्ड ईयर में पढ़ने वालीं तानिया भाटिया ने 7 सात साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। डीएवी स्कूल-8 में तानिया ने युवराज सिंह के पिता योगराज, सुखविंदर बाबा, आरपी सिंह और जसवंत राय के पास से क्रिकेट के गुर सीखे हैं। तानिया ने कई टूर्नामेंट में शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए खुद को साबित किया है।
तानिया भाटिया के पिता संजय भाटिया हरियाणा रणजी टीम के प्लेयर रह चुके हैं। संजय ने बताया कि उन्हें क्रिकेट खेलने का खासा शौक था। वह खुद इंटर कॉलेज, इंटर यूनिवर्सिटी और रणजी टीम में खेल चुके हैं। टीम इंडिया के खेलने का सपना था, जो पूरा नहीं हो सका। इसलिए मेरे क्रिकेट के जुनून को तानिया ने अपना बना लिया। अब वह इंडिया की तरफ से खेल रही हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।