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चंगाई सभा और धर्मांतरण के चक्कर में गई गर्भवती की जान

रांची/ एजेंसी।
रायडीह प्रखंड के तुलमुंगा गांव में एक बीमार गर्भवती को अस्पताल ले जाने के बदले चमत्कार होने के चक्कर में चंगाई सभा में ले जाया गया। इस दौरान गर्भवती की हालत बिगड़ती चली गई और दूसरे दिन उसकी मौत हो गई। इस मामले को लेकर महिला के पति तुलमुंगा निवासी गुड्डू लोहरा ने सुरसांग थाना में केस दर्ज कराया है। गुड्डू का कहना है कि 20 सितंबर को उसकी गर्भवती पत्नी पूनम देवी को प्रसव पीड़ा हुई थी।

पूनम को रायडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की तैयारी चल रही थी। इसी, बीच बिरकेरा टंगराटोली के विश्वासी चर्च के पास्टर सुरजन खड़िया और कोल्हा लोहरा उसके घर पहुंचे। ये लोग पूनम को अस्पताल नहीं ले जाने की सलाह देने लगे। दोनों ने पूनम को बिरकेरा ले जाने पर जोर दिया और विश्वास दिलाया कि चंगाई सभा में उसका इलाज हो जाएगा। इसके बाद उसके घर में टंगे हिंदू देवी-देवताओं के फोटो फाड़ डाले गए। कहा कि यही देवी-देवता ही बीमारी की जड़ हैं।

उन दोनों ने प्रलोभन देते हुए कहा कि तुम विश्वासी ईसाई धर्म स्वीकार कर लो। तुम्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। उसे आर्थिक मदद देने का भी भरोसा दिलाया गया। इसके बाद उसे और उसकी पत्नी को बिरकेरा ले जाया गया, जहां चंगाई प्रार्थना सभा हुई। दर्द से कराहती हुई पत्नी ने दूसरे दिन दम तोड़ दिया। इसके बाद पत्नी के शव को उसके घर खटिया पर लाद कर घर पहुंचा दिया गया। गुड्डू लोहरा के आवेदन पर सुरसांग थाना में पास्टर सुरजन खड़िया और कोल्हा लोहरा पर हत्या और धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है।

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