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ग्राहकों की एक छोटी सी गलती से एसबीआई ने 40 माह में कमाए चालीस करोड़ रुपये

देश भर के ग्राहकों की एक छोटी सी गलती के चलते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले 40 माह में चालीस करोड़ रुपये के करीब की कमाई कर ली है। आरटीआई में बैंक ने इस बात की तस्दीक की है। इससे पहले वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल से नवंबर के बीच मिनिमम बैलेंस न रखने पर 1771 करोड़ रुपये कमा लिए थे। 

चेक पर हुई ग्राहकों से यह छोटी सी गलती
एसबीआई ने कहा कि चेक पर ग्राहकों के हस्ताक्षर मैच नहीं होने के कारण लौटा दिए थे। बैंक ने  पिछले 40 महीने में 24 लाख 71 हजार 544 लाख चेक हस्ताक्षर मेल नहीं होने के कारण लौटाए हैं। इस वजह से ग्राहकों को काफी चूना लगा, लेकिन बैंक की कमाई में काफी इजाफा हो गया है।

हर चेक रिटर्न पर कटे 157 रुपये
बैंक का कहना है कि हर चेक के रिटर्न होने पर 150 रुपये का चार्ज खाताधारकों पर लगाया है। इसके अलावा इस राशि पर 18 फीसदी जीएसटी भी देय है, जिससे कुल राशि 157 रुपये काटे जा रहे हैं।  वित्त वर्ष 2017-18 में सिर्फ हस्ताक्षर नहीं मिलने की वजह से खाताधारकों के खाते से 11.9 करोड़ रुपए काटे गए हैं।

हालांकि बैंक की तरफ से दिया गया यह आंकड़ा गलत है। अगर 18 फीसदी जीएसटी लगता है तो फिर यह 27 रुपये हो जाएगा, जिसके बाद ग्राहकों के अकाउंट से 177 रुपये कटने चाहिए। amarujala.com ने जब बैंक के पर्सनल बैंकिंग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से इस बारे में पूछताछ की, तो वो भी सही-सही जानकारी नहीं दे पाए, कि खाते से चेक बांउस होने पर कुल कितनी रकम कटेगी। हालांकि एसबीआई की वेबसाइट पर खुद 150 रुपये और जीएसटी अतिरिक्त काटने की बात कही गई है। वर्तमान में जीएसटी दर 18 फीसदी है। 

लौटाए गए इतने चेक
वित्त वर्ष     (लौटाए गए चेक)

2015-16     60,0169

2016-17     99,2474

2017-18     79,5769

2018-19     83,132 (सिर्फ अप्रैल)

डेबिट कार्ड पर कर रहे हैं कमाई

बैंक पैसे काटने पर यह तर्क दे रहे हैं कि बैलेंस न होने के बावजूद एटीएम या फिर पीओएस मशीन पर ट्रांजेक्शन किया जा रहा है, जिसके कारण बैंक 17 से 25 रुपये तक काट रहे हैं। 

एसबीआई काट रहा है 17 रुपये
देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई अपने ग्राहकों के एटीएम कार्ड से 17 रुपये काट रहा है। इसके अलावा पैसा काटने पर 18 फीसदी जीएसटी भी लगाया जा रहा है। बैंक का तर्क है कि खाते में पैसा नहीं होने के बावजूद ग्राहक क्यों कार्ड का प्रयोग एटीएम या फिर पीओएस मशीन पर कर रहे हैं। वहीं देश के दो बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी और आईसीआईसीआई 25 रुपये काट रहे हैं। 

चेक बाउंस का दे रहे हैं तर्क
बैंक पैसा काटने के लिए चेक बाउंस होने का तर्क दे रहे हैं। बैंकों का मानना है कि चेक बाउंस और एटीएम पर खाते में कम बैलेंस होने पर ट्रांजेक्शन करने पर एक ही तरह का नियम मान्य होता है। जबकि चेक बाउंस के केस में थर्ड पार्टी भी शामिल होती है, जिसे किसी व्यक्ति से पैसा लेना होता है। वहीं एटीएम या पीओएस मशीन पर किसी तरह का थर्ड पार्टी ट्रांजेक्शन नहीं होता है।  

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