चुटिया के अमरावती कॉलोनी के होटल संचालक अभिजीत कुमार को अपराधियों द्वारा गोली मारे जाने के बाद रविवार रात को इलाज के समय रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने उनके रिश्तेदारों से मारपीट की। डॉक्टरों के द्वारा इलाज की बजाय दबंगई करने को लेकर उनका बुराई भी होता रहा। रिम्स प्रबंधन ने पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम बना दिया है।
होटल संचालक को गोली मारे जाने के बाद रविवार को देर रात रिश्तेदार उन्हें लेकर रिम्स के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे थे। इलाज में देर हुई तो रिश्तेदारों ने डॉक्टरों से प्रार्थना किया। इसके बाद भी इलाज शुरू नहीं हुआ तो रिश्तेदार नाराज हुए। इस बीच रिश्तेदारों व चिकित्सक के बीच बहस शुरू हो गई और चिकित्सक ने रिश्तेदार की पिटाई कर दी। घटना के वक्त वार्ड में जूनियर डॉक्टर ही ड्यूटी पर थे। मरीज को लेकर आने वाले व्यक्ति जल्दी इलाज करने की बात कह रहे थे। इसी बात पर डॉक्टर साहब को गुस्सा आ गया और रिश्तेदार की बेरहमी से पिटाई कर दी। इतना ही नहीं, डॉक्टर ने उस व्यक्ति को पीटते-पीटते रिम्स से बाहर भी निकाल दिया। पिटाई के समय जूनियर डॉक्टर ने अपशब्द का भी इस्तेमाल किया। कहा, व्यक्ति को इलाज के लिए रिम्स लेकर क्यों आया? कहीं और ले जाते। रिम्स के गार्ड और डॉक्टर सभी मिलकर उस व्यक्ति को पीटने पर उतारू थे। उस व्यक्ति ने सिर्फ इतना ही कहा था कि डॉक्टर साहब आप इलाज जल्दी कीजिए।
रिम्स प्रबंधन ने भी की बुराई इस घटना की रिम्स प्रबंधन ने भी डाँट की है। कहा, चिकित्सक को रिश्तेदार पर किसी भी हाल में हाथ नहीं छोड़ना नहीं चाहिए था। प्रबंधन ने इसे देखते हुए अधीक्षक की अध्यक्षता में दो सदस्यीय टीम का गठन बना दिया है, जिसे 48 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा गया है। इस दौरान कमेटी सीसीटीवी के फुटेज को भी खंगालेगी।
ऐसी घटना अक्सर होती है, मामला बढ़ने पर देते हैं हड़ताल की धमकी रिम्स में डॉक्टरों द्वारा मरीजों से अभद्रता की यह घटना कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी कई बार रिम्स में जूनियर डॉक्टर रिश्तेदारों की पिटाई कर चुके हैं। मामला बढ़ने पर जूनियर डॉक्टर हड़ताल का सहारा लेकर चिकित्सकीय सेवा को बंद कर देते हैं, ताकि कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई न हो।तीन दिन पहले भी मेडिसिन वार्ड में एक मरीज के रिश्तेदार के संग डॉक्टरों की झड़प हो गई थी, जिसके बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने की धमकी देते दिखे थे।
‘मैं घटना की बुराई करता हूं। जूनियर डॉक्टर को हाथ नहीं छोड़ना चाहिए था। फिलहाल इसकी जांच के लिए एक कमेटी बनाया गया है, जिसे 48 घंटे के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट देनी होगी।’