
बैल नहीं खरीद पाया तो बेटों से ही खिंचवाने लगा हल… लोहरदगा जिले के किस्को प्रखंड के चरहु गांव में एक दिव्यांग किसान की बेबसी और हौसले की यह कहानी हर किसी को झकझोर देती है।
मैं इस वक्त लोहरदगा के चरहु गांव में खड़ा हूं, जहां एक दिव्यांग किसान लीला उरांव ने मजबूरी में अपने बेटों को बैलों की जगह हल खींचने के लिए लगाया है। वजह? 2024 में वज्रपात से बैल मारे गए, फसल तबाह हो गई और आज तक उसे कहीं से कोई मदद नहीं मिली।