सियोल। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का एशिया दौरा शुरू होने से पहले परमाणु बम हमले में सक्षम दो अमेरिकी बी 1-बी बमवर्षकों ने कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर से उड़ान भरी। इस वायुसेना अभ्यास में अमेरिकी बमवर्षक के साथ जापान और दक्षिणी कोरिया के लड़ाकू विमान भी साथ थे। डोनाल्ड ट्रंप दौरे में सबसे पहले जापान जाएंगे, जो उत्तर कोरिया के खिलाफ अमेरिकी गठजोड़ वाला देश है। उत्तर कोरिया ने इस वायुसैनिक अभ्यास को उस पर अचानक परमाणु हमले की तैयारी करार दिया है।
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए के अनुसार, अमेरिका एक गैंगस्टर पूंजीपति के अंदाज में कोरियाई प्रायद्वीप के हालात निरंतर बिगाड़ रहा है। वह यहां पर परमाणु युद्ध भड़काना चाहता है। ट्रंप रविवार को सबसे पहले जापान पहुंचेंगे, वहां से वह दक्षिण कोरिया आएंगे। इसके बाद उनका चीन, वियतनाम और फिलीपींस जाने का कार्यक्रम है। उत्तर कोरिया द्वारा बैलेस्टिक मिसाइल के लगातार परीक्षण और तीन सितंबर को छठे परमाणु परीक्षण के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के हालात खासे तनावपूर्ण बने हुए हैं। ट्रंप के दौरे का बड़ा उद्देश्य उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाना भी है। व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के सुरक्षा सलाहकार एचआर मैकमास्टर ने कहा है कि ट्रंप का मानना है कि उत्तर कोरिया पर विचार का समय पूरा हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि ट्रंप उत्तर कोरिया को पूरी तरह से नष्ट करने की चेतावनी दे चुके हैं। अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को उत्तर कोरिया पर कड़ाई से लागू करने के लिए चीन पर भी दबाव बनाए हुए है। मैकमास्टर ने कहा कि अमेरिका बड़े धैर्य के साथ देख रहा है कि चीन और अन्य देश उत्तर कोरिया मसले पर क्या कर रहे हैं। इसके बाद वह खुद कार्रवाई करेगा।