नई दिल्ली : कोयला घोटाले में दोषी करार दिए गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को तीन साल की सजा सुनाई गई है। दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने शनिवार को सजा का ऐलान किया। अदालत ने मधु कोड़ा पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को कोयला घोटाले में सजा सुना दी गयी है। यह आदेश दिल्ली की पटियाला हाउस स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में जस्टिस भरत पराशर ने सुनाया है। राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव एके बसु कोड़ा के सहयोगी विजय जोशी केंद्रीय कोयला सचिव एचसी गुप्ता को भी 3-3 साल की सज़ा सुनाई गई है, जबकि कंपनी विसुल पर 50 लाख का जुर्माना लगाया गया है। इन सब पर इल्जाम है कि साल 2007 में हुए कोयला घोटाले के वक्त इन लोगों ने अपने पदों का दुरुपयोग किया था। इनके खिलाफ बहुचर्चित कोयला घोटाले में कोलकाता की कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (विसुल) को गलत तरीके से राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक आवंटित करने का आरोप है। राजहरा झारखंड के पलामू में है।
46 साल के मधु कोड़ा सितंबर 2006 से अगस्त 2008 तक झारखंड के मुख्यमंत्री थे। मधु कोड़ा 14 सितंबर 2006 को झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। तब वे किसी भी दल से जुड़े हुए नहीं थे। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता था। वे 23 अगस्त 2008 तक इस पद पर रहे। वे देश के तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री बने जो निर्दलीय थे। साल 2009 में उन्होंने सांसद का चुनाव भी लड़ा। इसमें उन्हें जीत हासिल हुई। इससे पहले वे बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा सरकारों में मंत्री रह चुके थे। उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत छात्र नेता के तौर पर की थी।
अदालत ने बीते 13 दिसंबर को इस मामले में मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु और एक अन्य को आपराधिक षडयंत्र और धारा 120 बी के तहत दोषी माना है।