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कैल्शियम सप्लिमेंट की ओवरडोज से भी किडनी हो सकती है ब्लॉक, नेचुरल फूड से ही पूरी करें कमी

बाजार में मिलने वाला कैल्शियम सप्लिमेंट ज्यादा मात्रा में लेने से हार्ट और ब्रेन को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

हेल्थ डेस्क.कैल्शियम की ओवरडोज शरीर के लिए खतरनाक है। इसकी जानकारी कम होने के कारण ज्यादातर लोग कैल्शियम सप्लिमेंट डाइट में शामिल कर रहे हैं। बाजार में मिलने वाला कैल्शियम सप्लिमेंट ज्यादा मात्रा में लेने से हार्ट और ब्रेन को नुकसान भी पहुंचा सकता है। यह हार्ट की आर्टरीज में जमकर उसे ब्लॉक कर सकता है। कैल्शियम की कमी पूरी करने के लिए नेचुरल चीजों को ही डाइट में शामिल करें। ब्लड में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होने पर हाइपरकैल्शिमिया कहलाता है। यह बीमारी पैरा थायराइड हॉर्मोन और विटामिन डी की अधिकता से होती है। ज्यादा कैल्शियम लेने से किडनी ब्लॉक हो जाती है। इसके अलावा किडनी में स्टोन हो सकते हैं। फिजिशियन डॉ. सीएल नवलसे जानते हैं इसके बारे में…

 

 

रिसर्च में दावा हाईडोज से हार्ट स्ट्रोक की आशंका

एक रिसर्च में कहा गया है कि कैल्शियम युक्त आहार के साथ कैल्शियम को अन्य माध्यम से लेने वाले लोगों में दिल का दौरा और स्ट्रोक होने की आशंका बढ़ जाती है। बॉडी में कैल्शियम एक से दो किलो हड्डियों में होता है। आमतौर पर रोजाना 400 मिलीग्राम से डेढ़ ग्राम तक कैल्शियम साधारण डाइट में लेता है। जिसमें से करीब 300 ग्राम तक कैल्शियम बाहर निकल जाता है। बहुत कम मात्रा बॉडी में एब्जॉर्व होता है।

 

कैल्शियम के एब्जॉर्ब होने के लिए शरीर में विटामिन-डी3 जरूरी
जितना भी कैल्शियम शरीर में पहुंच रहा है वह पूरी तरह एब्जॉर्ब हो जाए इसके लिए विटामिन-डी3 की उपस्थिति जरूरी है। इसकी कमी होने पर यह शरीर में धीरे-धीरे इकट्ठा होना शुरू हो जाएगा और हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक जैसी समस्या बढ़ेगी।

 

कैल्शियम के स्त्रोत

एक कप सोयाबीन : 175 मिग्रा.
एक कप पकी हुई भिंडी : 175 मिग्रा.
100 ग्राम बादाम : 264 मिग्रा.
एक कप पालक : 250 एमजी,
150 ग्राम ब्रोकली : 63 मिग्रा.
100 ग्राम दूध व दही : 125 मिग्रा.
चिकन और अंडे : भरपूर कैल्शियम

 

कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारियां

एक युवा को प्रतिदिन लगभग 1000 एमजी कैल्शियम की जरूरत है। इसकी कमी से हड्डियां और दांत कमजोर हो जाते हैं। मांसपेशियों में ऐठन, ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रेक्चर का खतरा बढ़ता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के साथ साथ डिप्रेशन, अनिद्रा, डिमेंशिया और पर्सनेलिटी में कई तरह के बदलाव हो सकते हैं। हार्ट रेट स्लो और हार्ट फैल भी हो सकता है।

 

किसी दवा से दो घंटे पहले खाएं कैल्शियम

किसी भी बीमारी की दवाई लेने के करीब एक से दो घंटे पहले कैल्शियम लेना चाहिए। एक ही समय में अन्य दवाइयां और कैल्शियम खाने से यह दवाई के तत्वों को अवशोषित नहीं होने देता है। ज्यादा कैल्शियम से पेट दर्द, दिल की धड़कन का अनियमित होना जैसी प्रॉब्लम हो सकती हैं।

 

 

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