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कासगंज में अभी भी नहीं सुधरे हालात, तनावपूर्ण माहौल में बड़ी तादाद में पुलिस तैनात

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लखनऊ : कासगंज में हालात आज भी तनावपूर्ण हैं। इलाके से अभी भी छिटपुट हिंसक घटनाएं होने की सूचना है। शहर में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) और पीएसी के जवान स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। अफवाहें फैलाने वालों और उपद्रवियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।

कासगंज की सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर मृतक चंदन गुप्ता की जगह कोई मोहम्मद इस्माईल होता तो मीडिया में अलग बहस होती। हमें इस मनोवृत्ति को बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कासगंज हिंसा सुनियोजित लगती है। योगी आदित्यनाथ सरकार इस तरह की घटनाओं में लिप्त किसी को नहीं बख्शेगी।

गिरिराज सिंह ने कहा कि एक नौकरशाह ने भी ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे को लेकर ​कुछ टिप्पणी की है। ‘मैं कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा क्यों ना लगाया जाए जबकि पाकिस्तान हमारे सैनिकों को मारता है और वह सीमा पार से आतंकवाद फैलाने में शामिल है।’

कासगंज मामले को लेकर फेसबुक टिप्पणी को लेकर विवादों के घेरे में आये बरेली के जिलाधिकारी कैप्टन राघवेन्द्र विक्रम सिंह का कहना है कि ऐसी घटनाओं से समस्याएं पैदा होती हैं और प्रदेश में विकास कार्य अवरूद्ध होते हैं। सिंह ने अपनी फेसबुक टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उसे अपने वाल से हटा लिया है।

विक्रम सिंह ने कहा, ‘… बिना प्रशासनिक अनुमति के अगर कोई ऐसा काम होता है तो कितनी बड़ी समस्याएं पैदा हो जाती हैं … इतना आक्रामक होना, पुलिस की अनुमति नहीं लेना, इससे परेशानियां पैदा होती हैं। इन्हीं तकलीफों का बयान मैंने फेसबुक पर किया था।’ सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाओं से प्रदेश में विकासकार्य रूकता है।

उन्होंने फेसबुक पर अपनी पहली पोस्ट में लिखा था, ‘अजब रिवाज बन गया है। मुस्लिम मुहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था, फिर पथराव हुआ। मुकदमे लिखे गए।’ सिंह ने यह फेसबुक टिप्पणी 28 जनवरी को की थी।

इस बीच बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा कि कासगंज की घटना दु:खद है, लगता है कि पाकिस्तान परस्त लोग आ गये हैं जो राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, वे पाकिस्तान के झंडे को स्वीकार कर रहे हैं। पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार और सख्त कदम उठाये।

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