वाराणसी : काशी स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के 105वें दीक्षांत समारोह में उत्साह और गौरव का वातावरण देखने को मिला। इस अवसर पर अघोर परंपरा की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देते हुए चार महान संतों के नाम पर स्थापित स्वर्ण पदक विश्वविद्यालय के मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रदान किए गए।
दीक्षांत समारोह में कुलपति, विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षकगण, विद्यार्थी एवं उनके परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। स्वर्ण पदक प्रदान किए जाने के दौरान सभागार तालियों की गूंज से भर उठा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि इन पदकों का उद्देश्य न केवल अकादमिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना है, बल्कि भारतीय परंपरा, आध्यात्मिक मूल्यों और सामाजिक सेवा की भावना को भी विद्यार्थियों के जीवन से जोड़ना है।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने बीएचयू की स्थापना से लेकर आज तक की शैक्षणिक, सांस्कृतिक और शोध उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। साथ ही विद्यार्थियों से ज्ञान, सेवा और राष्ट्र निर्माण के पथ पर आगे बढ़ने का आह्वान किया गया।
105वें दीक्षांत समारोह में उपाधियां और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के चेहरों पर गर्व और आत्मविश्वास साफ झलक रहा था। यह समारोह बीएचयू की गौरवशाली परंपरा और उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक बनकर सामने आया।


