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काके अरसंडे के नारी निकेतन की 13 फीट ऊंची चारदीवारी फांदकर 16 वर्ष की एक नाबालिग छात्रा फरार

काके अरसंडे स्थित नारी निकेतन की 13 फीट चारदीवारी फांदकर 16 वर्ष की नाबालिग फरार हो गई। घटना मंगलवार की है। नाबालिग कांटाटोली निवासी निकीता कच्छप पिता सुशील कच्छप है। जानकारी के अनुसार, सुबह के समय नारी निकेतन में वहां रहने वाली महिलाएं और युवतियां प्रार्थना कर रही थी। उसी दौरान भाग निकली। प्रार्थना के बाद साथ रहने वाली युवतियों ने ढूंढा तो वह नहीं मिली। इसके बाद उसे सभी ढूंढने लगे। मगर न तो वह निकेतन के वार्ड में मिली और न ही अन्य जगहों पर।

इसी बीच किचन का दरवाजा खुला देखकर कर्मियों ने अंदाजा लगाया कि नाबालिग इसी रास्ते से बाहर निकली और मुख्य द्वार को फाद कर फरार हो गई होगी। इस मामले में वार्डन मानी कुंकल के बयान पर कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज किया गया है। पुलिस नाबालिग की बरामदगी का प्रयास कर रही है। इधर नारी निकेतन की ओर से नाबालिग लड़की के भागने की खबर सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष व सदस्यों के अलावा जिला कल्याण पदाधिकारी को भी दी गई। लेकिन न तो मामले की जानकारी लेने सीडब्ल्यूसी सदस्य पहुंचे और न ही जिला कल्याण पदाधिकारी।

नाबालिग 16 जून 2018 को पतरातू घाटी में भटकती मिली थी। पिठोरिया पुलिस ने उसे सीडब्ल्यूसी रांची के समक्ष प्रस्तुत किया था। वहां से उसे रांची रेलवे स्टेशन रोड स्थित प्रेमाश्रय भेज दिया था। प्रेमाश्रय में कुछ दिन रहने के बाद वह भाग निकली थी। भागने के बाद वह पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में बरामद हुई थी। इसके बाद वापस लाकर सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इस बार सीडब्ल्यूसी ने बीते 25 जुलाई को कांके के नारी निकेतन भेज दिया। वहां रहने के दौरान अचानक भाग निकली। सीडब्ल्यूसी से नाबालिग की कई बार काउंसिलिंग की। लेकिन वह अपना, पिता का नाम और पता कांटाटोली कब्रिस्तान बताती है। सत्यापन पर उसका पता नहीं मिल रहा है।

नारी निकेतन से पहले भी पाच लड़किया भाग चुकी है। भागी लड़कियों में से एक भी अब तक बरामद नहीं हो सकी है। लड़कियों के भागने की लिखित शिकायत नारी निकेतन ने काके पुलिस को दी थी। भागी सभी युवतियां अलग-अलग जगह की रहने वाली थी। सभी भटकती मिली थी।

नारी निकेतन से नाबालिग के भागने पर सुरक्षा में सवाल खड़ा हो रहा है। सवाल उठता है कि नारी निकेतन की चहारदिवारी 13 फीट ऊंची है। प्रवेश के लिए दो दरवाजे हैं। दोनों दरवाजों में ताला लगा रहता है। इसके लिए दो गार्ड की तैनाती भी की गई है। इसके अलावा लड़कियों की देखभाल के लिए भी कई कर्मचारी मौजूद हैं। फिर भी नाबालिग भाग निकली।

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