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कल लगेगा 2018 का पहला चन्द्र ग्रहण, इन बातों का रखें ध्यान

chandra grahan 2018

नई दिल्ली : बुधवार दिनांक 31 जनवरी 2018 को साल का पहला ग्रहण पड़ रहा है। ज्योतिष के खगोल खंड के अनुसार पूर्णिमा पर सदैव चन्द्र ग्रहण और अमावस्या पर सूर्य ग्रहण पड़ता है। खगोल के दृष्टिकोण से जब समानांतर अक्ष और कोण के सूर्य और चन्द्रमा के बीच पृथ्वी आ जाए तो उसे चन्द्र ग्रहण कहा जाता है।

इस दिन सूर्य श्रवण नक्षत्र में रहेगा मकर राशि और श्रवण नक्षत्र पूर्णिमा होने के कारण चन्द्रमा सूर्य से ठीक सातवीं राशि में स्थित होगा। चन्द्रमा कर्क राशि और पुष्य नक्षत्र में रहेगा। बुधवार पर पुष्य नक्षत्र और पूर्णिमा तिथि के कारण आयुषमान योग रहेगा। सुबह 8 बजकर 38 मिनट पर विष्टिकरण अर्थात भद्रा रहेगी।

चन्द्र ग्रहण पर सूतक 12 घण्टे पूर्व लग जाता है। अत: सूर्योदय से ही सूतक का आरंभ हो जाएगा। सुबह 7 बजकर 7 मिनट पर आरंभ होकर रात 8 बजकर 42 मिनट पर सूतक समाप्त होगा। चन्द्र ग्रहण चन्द्र उदय के साथ ही शाम 5 बजकर 58 मिनट पर आरंभ होगा तथा 8 बजकर 41 मिनट 10 सैकंड पर समाप्त होगा। ग्रहण की अवधी 2 घण्टे 43 मिनट तक रहेगी।

ग्रहण का प्रभाव 

ग्रहण से पुष्य व अश्लेषा नक्षत्र में जन्में जातकों के लिए यह ग्रहण कष्टप्रद रहेगा। चंद्रग्रहण के प्रभाव से खाद्य पदार्थों में महंगाई बढ़ेगी। राजनीतिक क्षेत्रों में द्वेष बढऩे के आसार बनेंगे। प्राकृतिक आपदा से खड़ी फसलों को नुकसान होने की आशंका है।

यह करें उपाय 

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार माघी पूर्णिमा को पडऩे वाले चंद्र ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान और महामृत्युंजय का जाप करके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। घर में ही गंगाजल डालकर स्नान लाभकारी होगा। अन्न, कंबल का दान करके भी अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।

ग्रहण काल में इन बातों का रखें ध्यान  

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शास्त्रों में मान्यता है कि ग्रहण के दौरान भोजन बनाना और ग्रहण करना दोनों ही प्रतिबंधित है। भगवत भजन और इष्ट जाप के लिए यह समय श्रेष्ठ माना गया है। ग्रहण के समय अशुभ राशि वालों, रोगी एवं गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। इस दौरान ईश्वर आराधना, मंत्र जाप, संकीर्तन आदि करने से लाभ मिलता है।

ग्रहण के दौरान खाद्यान्न दूषित हो जाते हैं। इसलिए पर्व काल के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। ग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व खाने-पीने की वस्तुएं, पके भोजन, दूध, दही, घी, मक्खन, अचार, पानी, आदि में कुश या तुलसी डाल देनी चाहिए। इससे ये खाद्य पदार्थ दूषित नहीं होते हैं।

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