नई दिल्ली : अगर आप टूटते सितारों से आकर्षित होतें हैं तो बुधवार की रात एक ज़बरदस्त शो के लिए आप तैयार हो जाइए। भारत सहित पृथ्वी के अधिकतर अक्ष में 13 दिसंबर की रात को टूटते सितारों की बारिश होने वाली है। इस चमत्कार को देखने के लिए किसी टेलीस्कोप की ज़रूरत नहीं होगी।
आसमान में होने वाली इस घटना को ‘जेमिनिड्स’ कहा जाता है। ‘जेमिनिड्स’ में कई तारे और उल्का झुंड में धरती पर बरसते हुए दिखाई देते हैं। यह खूबसूरत नजारा 13 और 14 दिसंबर की रात को दुनिया के लगभग हर इलाके में देखा जा सकेगा।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह उल्कापात या मीटियोर की ये बारिश सालना प्रक्रिया है। यह हर साल दिसंबर में होती है। इस बार 13 और 14 तारीख को ये अपनी चरम पर होगी। इसे विश्व के उत्तरी हिस्सों के सभी देशों में नग्न आंखों से से देखा जा सकेगा। यह अंतरिक्ष के उन खूबसूरत पलों में से है, जिन्हें देखने के लिए लोग बेताब रहते हैं।
दिसंबर में पृथ्वी का रास्ता, 3200 ‘फैथॉन’ नाम के एस्टरॉयड के रास्ते को काटता है। इस एस्टरॉयड का कभी पहले किसी वस्तु से टकराव हुआ था, जिसके कारण इसके कण पृथ्वी के रास्ते के इस मोड़ पर मौजूद होते हैं। इनमें से छोटे कण गुजरती पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं और जल उठते हैं। इससे ऐसा मालूम होता है जैसे सितारे टूट कर गिर रहे हो।
कोलकाता स्थित एमपी बिड़ला प्लैनेटोरियम के डॉक्टर देवीप्रसाद ने बताया कि,“आकाश में उत्तर-पूर्व दिशा में मिथुन राशि की दिशा से, हम देखेंगे तो लगेगा वहां से यह बारिश हो रही है। इसलिए इस घटना का नाम geminid meteor shower पड़ा है। 13 और 14 की रात को आसमान में ये नजारा रात 2 बजे से देखा जा सकेगा।”