नई दिल्ली
विडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 39,000 करोड़ रुपये के कर्ज का आखिर कौन जिम्मेदार है? विडियोकॉन ने यह ठीकरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट और ब्राजील सरकार पर फोड़ा है। पिछले सप्ताह कर्जदाताओं की अर्जी स्वीकार करने के बाद नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल विडियोकॉन पर दिवालिया कानून के तहत सुनवाई कर रहा है। इन कर्जदाताओं में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल है। कर्जदाताओं की मांग है कि अगले 6 महीने में कंपनी की बोली लगवाई जाए।
अपने बचाव में विडियोकॉन ने भी अर्जी दाखिल की है। कंपनी का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले की वजह से कैथोड रे ट्यूब की सप्लाइ बंद हो गई और इसी वजह से टेलीविजन का बिजनस ठप हो गया। ब्राजील में रेड टेप की वजह से गैस और तेल का बिजनस प्रभावित हुआ और सुप्रीम कोर्ट द्वारा लाइसेंस कैंसल किए जाने के बाद टेलीकम्युनिकेशन का बिजनस भी रुक गया।
बता दें कि पिछले पांच साल में कंपनी के शेयर में 96 फीसदी की गिरावट आई है। मंगलवार को इसके एक शेयर की कीमत मात्र 7.56 रुपये रही। इस तरह कंपनी दिवालिया होने के कगार पर है।