पटना : आजतक आपने कब्रिस्तान में मुर्दो को जाते हुए देखा होगा लेकिन बिहार के मधुबनी जिले में एक स्कूल ऐसा है जहां कब्रिस्तान में बच्चो को पढ़ाया ही नहीं जाता बल्कि मिड डे मील भी वही परोसा जाता है.
यह जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अंधराठारी प्रखंड के हरना पंचायत का उच्च माध्यमिक विधालय है. इस स्कूल के दो कमरों में 457 बच्चे पढ़ते हैं.
स्कूल में 1 से 8 वर्ग के बच्चों को पढ़ाने के लिए 8 शिक्षक नियुक्त हैं. स्कूल में दस बाई दस के दो कमरों में एक कमरा कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जबकि दूसरे में मिड डे मील का सामना रखा जाता है.
स्कूल की अधिकतर पढ़ाई कब्रिस्तान में मस्जिद के बचे हुए जमीन पर या फिर सड़कों पर कराया जाता है. स्कूल के प्रिंसिपल जगरनाथ पासवान का कहना है कि स्कूल में बहुत कठिनाई है. सुविधाएं नहीं होने के कारण इस स्कूल में कभी पेड़ के पास कब्रिस्तान में पढ़ाना पड़ता है कभी सड़कों पर तो कभी मस्जिद के बरामदे में. इस बारे में कई बार शिकायत की गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
बात करते हुए स्थानीय निवासी ने कहा कि इस स्कूल में कोई व्यवस्था नहीं है और कोई अधिकारी इस समस्या को समाधान करने वाला नहीं है.
मधुबनी के जिला शिक्षा पदाधिकारी नरेंद्र मिश्रा ने बात करते हुए कहा कि मैं 2 महीने पहले ही यहां ज्वाइन किया हूं. मैं इस मामले को देखकर तुरंत यहां की समस्या को हल करने की कोशिश करूंगा.