नई दिल्ली : टैक्सी ऐप ओला अब घर-घर खाने की डिलीवरी के बिजनेस में भी एक बार फिर से अपना भाग्य अजमाने जा रही है। कंपनी 2015 में अपने वेंचर ओला कैफे के बंद हो जाने के बाद एक बार फिर से इस सेगमेंट में अपनी किस्मत अजमाने जा रही है।
कैब एग्रीगेटर ओला ने मंगलवार को कहा कि वह जर्मनी की वैश्विक ऑनलाइन फुड ऑडरिंग और डिलिवरी माकेर्टप्लेस डिलिवरी हीरो समूह से फूडपांडा इंडिया का कारोबार 2० करोड़ डॉलर में खरीदेगी।
ओला के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाविश अग्रवाल ने कहा कि डिलिवरी हीरो के वैश्विक नेतृत्व और अद्वितीय स्थानीय अंतदृर्ष्टि के साथ ओला की प्लेटफॉर्म क्षमताओं के साथ हम फूडपांडा इंडिया में 2० करोड़ डॉलर का निवेश करेंगे, जिससे कंपनी के वृद्धि दर पर जोर दिया जाएगा और ग्राहकों और भागीदारों के लिए मूल्य सृजन किया जाएगा।
कैब एग्रीगेटर प्लेटफार्म के बयान के मुताबिक इस सौदे के तहत फूडपांडा का भारतीय कारोबार ओला को हस्तांतरित किया जाएगा और इसके बदले में ओला के शेयर दिए जाएंगे। कंपनी ने यह भी कहा कि ओला के संस्थापक भागीदार प्रणय जीवराजका को इस व्यापारिक इकाई का अंतरिम सीईओ नियुक्त किया गया है, जिनके साथ फूडपांडा इंडिया की वर्तमान टीम काम करेगी।
ओला ने एक बयान में कहा कि फूडपांडा के हाल तक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ कोच्चर ने अन्य अवसरों पर आगे बढ़ने के लिए कंपनी से निकलने का फैसला किया है।
फूडपांडा के प्लेटफॉर्म पर भारत के 100 से अधिक शहरों में 15,000 से अधिक रेस्टोरेंट रजिस्टर्ड हैं। 2016-17 में इसका राजस्व 62.16 करोड़ रुपए रहा, जो कि इससे पहले के वित्त वर्ष में 37.81 करोड़ रुपए था। 2015-16 में फूडपांडा को 142.64 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था, जो 2016-17 में 69 प्रतिशत घटकर 44.81 करोड़ रुपए रह गया। कंपनी ने कहा था कि उसका लक्ष्य 2019 तक फायदे में आना है।
आपको बता दें कि, फूडपांडा देश में जोमेटो और स्विगी के बाद तीसरे नंबर का फूड डिलीवरी ऐप है।