राजनीति

एमपी, यूपी से लेकर बिहार की राजनीति में परचम लहराने वाले शरद यादव का राजनीतिक सफर

बिहार में राजनीतिक उठा-पठक के बाद सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड में नीतीश कुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बीच संबंध सुधरने के बजाय बिगड़ते ही जा रहे हैं.

नई दिल्ली: बिहार में राजनीतिक उठा-पठक के बाद सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड में नीतीश कुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बीच संबंध सुधरने के बजाय बिगड़ते ही जा रहे हैं. माना जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्‍यक्ष, नीतीश कुमार, देर-सबेर शरद यादव को बाहर का रास्ता दिखाएंगे. मध्यप्रदेश में जन्मे शरद यादव ने छात्र राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति तक पहचान बनाई है. उन्होंने बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी बड़ा मुकाम हासिल किया. शरद यादव बिहार की सत्ताधारी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. सात बार सांसद रह चुके शरद यादव के राजनीतिक सफर पर एक नजर…

1. शरद यादव का जन्‍म 1 जुलाई 1947 को मध्‍यप्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव में एक किसान परिवार में हुआ. उन्‍होंने जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से स्‍नातक की डिग्री भी प्राप्‍त की है.

2. शरद यादव ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1971 के दौरान की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान वे जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज, जबलपुर मध्यप्रदेश में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए.

3. शरद यादव लोकनायक डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से बहुत प्रभावित थे. युवा नेता के तौर पर कई आंदोलनों में हिस्सा लिया. उन्होंने मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू कराने में अहम भूमिका निभाई.

4. पहली बार 1974 में वे मध्यप्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. इस समय जेपी आंदोलन की हवा जोर पकड़ रही थी. वे हल्दर किसान के रूप में जेपी द्वारा चुने गए पहले उम्मीदवार थे. 1977 में वे दोबारा इसी लोकसभा सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रहे.

5. 1986 में वे राज्यसभा से सांसद चुने गए. 1989 में यूपी की बदायूं लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर तीसरी संसद पहुंचे. वे 1989-1990 में टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री रहे.

6. वे 1991 से 2014 तक बिहार की मधेपुरा सीट से सांसद रहे. 1995 में उन्हें जनता दल का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया और 1996 में वे पांचवीं बार लोकसभा का चुनाव जीते.

7. 1997 में उन्हें जनता दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. 1998 में उन्‍होंने जॉर्ज फर्नांडीस की मदद से जनता दल यूनाइटेड पार्टी बनाई, जिससे नीतीश कुमार जनता दल छोड़कर जुड़ गए.

8. 13 अक्टूबर 1999 को उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया और एक जुलाई 2001 को वे केंद्रीय श्रम मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री चुने गए. शरद यादव 2004 में राज्यसभा से दूसरी बार सांसद बने और गृह मंत्रालय के अलावा कई कमेटियों के सदस्य रहे.

9. 2009 में वे 7वीं बार सांसद बने और उन्हें शहरी विकास समिति का अध्यक्ष बनाया गया.

10. 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्हें मधेपुरा सीट पर हार का सामना करना पड़ा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *