इलाहाबाद । भारतीय रेलवे में दुर्घटनाएं लगातार हो रही हैं लेकिन रेलवे प्रशासन खुद को सुधारने की दिशा में कोई प्रयास करता नहीं दिख रहा है। मंगलवार को इलाहाबाद के नजदीक एक ही ट्रैक पर दुरंतो एक्सप्रेस, हटिया-आनंद विहार एक्सप्रेस और महाबोधी एक्सप्रेस सभी आ गईं। गनीमत यह रही कि इस गलती को वक्त रहते ही पकड़ लिया गया और एक बार फिर बहुत बड़ा हादसा होने से बच गया। इसकी सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया है। रेलवे के अधिकारी मामले की जांच में जुटे हुए हैं।
अधिकतर मामले में रेलवे कर्मियों की लापरवाही
हर रेलवे हादसे के बाद इसके कारणों को लेकर कई तरह की बातें कही और सुनी जाती हैं। हादसे के बाद सरकार जाँच के आदेश देती है, हालांकि अधिकतर मामलों में कसूरवार कौन था ये फ़ाइलों में ही दबकर रह जाता है। कभी रेलवे कर्मियों की लापरवाही पर बात होती है तो कभी कहा जाता है कि बाहरी ताकतों ने इसे अंजाम दिया है।
NDA शासन में हुए अब तक के बड़े हादसे
22 जनवरी 2017: आंध्रप्रदेश के विजयनगरम ज़िले में हीराखंड एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतरने की वजह से क़रीब 39 लोग मारे गए।
20 नवंबर 2016: कानपुर के पास पुखरायां में एक बड़ा रेल हादसा हुआ जिसमें कम से कम 150 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई। पटना-इंदौर एक्सप्रेस के 14 कोच पटरी से उतर गए थे।
20 मार्च, 2015 देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 34 लोग मारे गए थे।
4 मई, 2014: दिवा सावंतवादी पैसेंजर ट्रेन नागोठाने और रोहा स्टेशन के बीच पटरी से उतर गई थी। इसमें 20 लोगों की जान गई थी और 100 अन्य घायल हुए थे।