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इस युवा क्रिकेटर की हो रही सचिन तेंदुलकर से तुलना, दो रिकॉर्ड बराबर किए, क्‍या तीसरे को भी कर पाएंगे….

नई दिल्‍ली: घरेलू क्रिकेट में इस समय मुंबई के पृथ्‍वी शॉ की हर कहीं चर्चा है। इस खिलाड़ी को अगला सचिन तेंदुलकर बताया जा रहा है। यदि किसी खिलाड़ी की सचिन जैसे महान खिलाड़ी से तुलना हो तो निश्चित ही उसमें कोई खास बात होगी। 17 वर्ष के पृथ्‍वी का खासियत है रनों के लिए उनकी जोरदार भूख। यह खिलाड़ी लगातार बड़ी पारी खेलने के लिए जाना जाता है। एक बार क्रीज पर सेट होने के बाद पृथ्‍वी का आउट करना दिग्‍गज बल्‍लेबाजों के लिए भी मुश्किल होता है। 9 नवंबर को 18 वर्ष पूरे करने वाले पृथ्‍वी ने अपने पहले रणजी ट्रॉफी और दिलीप ट्रॉफी मैच में शतक बनाए हैं। लोगों की निगाह अब उनके ईरानी ट्रॉफी के पहले मैच पर टिकी हुई हैं। हर किसी को उम्‍मीद है कि वे ईरानी ट्रॉफी में भी यह कारनामा करने में सफल होंगे। ईरानी ट्रॉफी का मैच रणजी की विजेता टीम और शेष भारत एकादश के बीच खेला जाता है। जाहिर है इस मैच के लिए पृथ्‍वी को इंतजार करना पड़ेगा। पृथ्‍वी से पहले सचिन तेंदुलकर अपने पहले ही रणजी, दिलीप और ईरानी ट्रॉफी मैच में शतक लगाने का कमाल कर चुके हैं।

ओपनर पृथ्वी शॉ ने मुंबई की ओर से तमिलनाडु के खिलाफ अपना रणजी ट्रॉफी पदार्पण किया था। इस मैच में उन्‍होंने मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर के कारनामे की बराबरी करते हुए शतक (120 रन)जमाया था। इससे पहले पृथ्‍वी स्‍कूली क्रिकेट में 500 से अधिक रन की पारी खेलकर धूम मचा चुके हैं।  गौरतलब है कि 10 दिसंबर, 1988 को मुंबई की ओर से सचिन ने अपना पहला रणजी मैच खेला था। गुजरात के खिलाफ इस मैच में उन्होंने 100 रन बनाए थे, जिसमें 14 चौके शामिल थे। ठाणे के मध्‍यम वर्गीय परिवार से संबंधित पृथ्‍वी ने पिछले माह दिलीप ट्रॉफी में भी अपने पहले मैच में शतक जमाया।  लखनऊ में दिलीप ट्राफी के अपने डेब्‍यू मैच में पृथ्‍वी ने इंडिया रेड की ओर से शतक जमाया था। मैच में उन्‍होंने इंडिया ब्‍लू टीम के खिलाफ 154 रन की पारी खेली थी, इस पारी में 18 चौके और एक छक्‍का शामिल था। गौरतलब है इस मैच में इंडिया ब्‍लू की टीम में ईशांत शर्मा, जयदेव उनादकट और पंकज सिंह जैसे गेंदबाज शामिल थे लेकिन इन गेंदबाजों का सामना करते हुए पृथ्‍वी जरा भी मुश्किल में नजर नहीं आए थे।

यह देखना दिलचस्‍प होगा कि पृथ्‍वी अपनी कामयाबी के इस सिलसिले को बरकरार रखते हुए ईरानी ट्रॉफी के पहले मैच में भी शतक बनाने में कामयाब रहते हैं या नहीं। यह भी याद रखना होगा कि जूनियर स्‍तर पर कई ऐसे खिलाड़ी आए जिन्‍होंने अपनी प्रतिभा से चकाचौंध बिखेरी लेकिन वक्‍त के साथ ये अपने प्रदर्शन में स्थिरता को बरकरार नहीं रखा पाए और गायब हो गए। उम्‍मीद करनी होगी कि पृथ्‍वी सीनियर लेबल पर भी लंबे समय तक अपने खेल कौशल की चमक को बरकरार रखेंगे। पृथ्‍वी भारत ए की टीम में भी स्‍थान बना चुके हैं। उनका अगला लक्ष्‍य टीम इंडिया में जगह बनाना  है।

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