न्यूज डेस्क। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने पिछले 40 माह में 38 करोड़ 80 लाख रुपए सिर्फ चेक पर हस्ताक्षर का मिलान न होने के एवज में ग्राहकों के खाते से काट लिए हैं। इस तरह एसबीआई सालाना औसतन 12 करोड़ रुपए कमाई कर रहा है। फाइनेंशियल ईयर 2017-18 में सिर्फ हस्ताक्षर नहीं मिलने की वजह से खाताधारकों के खाते से 11.9 करोड़ रुपए काटे गए हैं। सिर्फ स्टेट बैंक में ही हर दिन दो हजार से ज्यादा चेक रिटर्न हो रहे हैं। इन सभी खाताधारकों के खाते में काटे गए चेक के एवज में पर्याप्त राशि थी।
एक आरटीआई के जवाब में बैंक ने माना कि कोई भी चेक रिटर्न हो तो बैंक 150 रुपए चार्ज करता है और इस पर जीएसटी भी लगाता है। यानी हर रिटर्न चेक का खमियाजा खातेदार को 157 रुपए में भुगतना पड़ता है, भले ही उसके खाते में चेक को ऑनर करने की रकम मौजूद हो। बैंकिंग मामलों पर रिसर्च करने वाले आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर आशीष दास ने बताया कि रिजर्व बैंक के नियमों को ताक पर रखते हुए कई बैंक ग्राहकों से कई गैरवाजिब शुल्क वसूल रहे हैं। हस्ताक्षर नहीं मिलने के नाम पर शुल्क वसूला जाना उनमें से एक है।
आप कैसे बचें, बैंक को एक्स्ट्रा चार्ज देने से….
– SBI सहित अधिकतर बैंकों में महीनेभर में 5 बार एटीएम से फ्री में पैसा निकाला जा सकता है। इसके बाद बैंक पेनाल्टी वसूल करते हैं। इसलिए एटीएम से पैसे निकालते वक्त ध्यान रखें कि आपको पेनाल्टी न देना पड़े। बैंक 20 से लेकर 40 रुपए तक चार्ज पेनाल्टी के तौर पर लगा देते हैं। – जिन अकाउंट्स का आप यूज नहीं कर रहे या जो एक्टिव नहीं हैं, उन्हें बैंक में जाकर बंद करवा दें। इससे भविष्य में आपको संबंधित अकाउंट के लिए कोई चार्ज नहीं देना होगा।
– चेक का यूज बहुत जरूरी हो तो ही करें वरना ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए ट्रांजैक्शन करें। अधिकतर बैंक एक क्वार्टर में ही एक ही चेक बुक फ्री देते हैं, इसके बाद कस्टमर को चार्ज देना होता है।
– पिन याद रखें। कई बैंक पिन को रिजनरेट करने का भी चार्ज वसूलते हैं। पिन री-जनरेट करने में डिलिवरी चार्ज भी बैंक जोड़ लेते हैं।
– अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन न करने पर बैंक पेनाल्टी वसूलते हैं, इसलिए अकाउंट में मिनिमम बैलेंस हमेशा रखें।
– क्रेडिट कार्ड पर बचा हुआ आउटस्टैंडिंग अमाउंट क्लियर करें। वरना यह भारी ब्याज की वजह बन सकता है।
– जब तक अकाउंट में बैलेंस न हो तब तक किसी को चेक न दें। इससे न सिर्फ आपको एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ सकता है बल्कि आप कानूनी शिकंजे में भी फंस सकते हैं।
– अपने बैंक को क्रेडिट कार्ड का बिल ऑटो डेबिट लेने का निर्देश दें। इससे आप पेनाल्टी से बचेंगे। – डुप्लीकेट स्टेटमेंट बैंक ब्रांच की बजाए ईमेल पर मंगवाएं। ब्रांच से लेने पर आपको एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा।