देश की आर्थिक ग्रोथ को फिर से रफ्तार देने के लिए सरकार राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बातचीत के बाद आर्थिक विकास तेज करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, जो भी आर्थिक आंकड़े हैं, हमने उनकी समीक्षा की है। सरकार जरूरत पड़ने पर और उपाय करेगी। आपको बता दें कि देश के आर्थिक हालात पर पीएम मोदी वित्त मंत्री और कई बड़े अधिकारियों के साथ बैठक करने वाले थे, लेकिन बैठक में पीएम मोदी शामिल नहीं हुए।
हो सकती है ब्याज दरों में कटौती
माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा 4 अक्टूबर को होगी. इस बीच आर्थिक विकास दर में तेजी लाने के लिए ब्याज दरों में कटौती की मांग जोर पकड़ सकती है।
3 साल के निचले स्तर पर पहुंची GDP ग्रोथ
अप्रैल-जून 2017 तिमाही में जीडीपी ग्रोथ तीन साल में सबसे कम 5.7 फीसदी रह गई है। इसके बाद वित्त वर्ष 2018 के जीडीपी अनुमान में अर्थशास्त्रियों ने कटौती की है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आर्थिक विकास दर को बढ़ाने के उपाय किए जाने चाहिए। आपको बता दें कि अप्रैल-जून 2016 तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.9 पर्सेंट थी। उसके बाद की तिमाहियों में यह क्रमश: 7.5 पर्सेंट, 7 पर्सेंट, 6.1 पर्सेंट और हालिया तिमाही में 5.7 पर्सेंट रही।
‘जल्द उठाएंगे नए कदम’
जेटली ने कहा, हमने सभी आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा की है और पिछले दो दिनों में मैंने कई सहयोगी मंत्रियों, सचिवों और सरकार में दूसरे एक्सपर्ट्स के साथ बातचीत की है.जेटली ने कहा कि यह प्रोएक्टिव सरकार है। इससे संकेत मिला है कि जल्द ही केंद्र कुछ उपायों का ऐलान कर सकता है।
‘महंगाई पर लगी लगाम’
जेटली ने यह भी कहा कि महंगाई दर रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के लक्ष्य के अंदर है। अगस्त में रिटेल इन्फ्लेशन 3.36 फीसदी के साथ पांच महीने में सबसे अधिक थी। वित्त मंत्री ने बताया कि मानसून सीजन में आमतौर पर सब्जियों की कीमत बढ़ती है। इस वजह से पिछले महीने महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई महंगाई दर 3.36 फीसदी है।