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असम: अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेना ने कहा, अजान शब्द को हटा देना चाहिए

अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेना ने मंगलवार को दावा किया है कि असम श्रीमंता शंकरदेव की भूमि है न कि शंकर अजान की। अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेना ने यह बयान तब दिया जब कहा गया कि ऑल असम अल्पसंख्यक छात्र संघ(एएएमएसयू) 50 लाख लोगों के साथ 27 नवंबर को सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन करेगा। यह विरोध प्रदर्शन एनआरसी को लेकर किया जाएगा।

अल्पसंख्यक छात्र संघ के प्रदर्शन के मसले पर अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेना ने एएएमएसयू को खुले रूप से चुनौती दी और 27 नवंबर के दिन को पूरे देश के हिंदू संगठनों के लिए धर्म युद्ध की घोषणा की। अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेना के सचिव जी.डी.किरान ने असम की भूमि को श्रीमंता शंकरदेव की भूमि बताया न कि शंकर अजान या अजान शंकर की। किरान ने कहा कि अजान शब्द को देश में हिंदुत्व के लिए हटा देना चाहिए। अजान फकीर सूफी संत थे और शंकरदेव वैष्णव संत थे। दोनों के बीच बड़ी भिन्नता है।

संगठन के अध्यक्ष निलोत्पल बरुआ ने दावा किया कि अजान फकीर असमिया संस्कृति से कोई लेना देना नहीं है। ऐसा कोई इतिहास नहीं है जो असम में उनकी प्रासंगिकता को साबित करे। उन्होंने एएएमएसयू को सांप्रदायिक संगठन करार दिया जो असम के लोगों के बीच जिहादी भावनाएं थोंपना चाहता है। उन्होंने असम सरकार से क्षेत्र में इस तरह के संगठनों को खत्म करने का अनुरोध किया। नीलोत्पल ने एएएमएसयू के प्रदर्शन की घोषणा पर कहा कि असम सरकार को इस संगठन को रोकने के लिए भारी बल लगाना चाहिए। एएएमएसयू सांप्रदायिक संगठन है और इस तरह के संगठन क्षेत्र व राज्य के इंडिजिनस लोगों के लिए खतरा है जो अब अल्पसंख्यक ग्रुप में तब्दील हो रहा है। हम 27 नवंबर को पूरे गुवाहाटी शहर में ह्यूमन चैन बनाएंगे ताकि रैली में शामिल होने के लिए आने वाले लोगों को रोका जाए। अगर जरुरत हुई तो हम धर्म युद्ध के दौरान प्रोटेक्शन के लिए पुलिस के पास जाएंगे।

बरुआ ने कहा कि एएएमएसयू एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है जिसे अभी तक घोषित नहीं किया गया है। उन्होंने इसे जिहादी मूवमेंट करार दिया है। बरुआ ने कहा कि एएएमएसयू का यह कदम क्षेत्र के हिंदू भाईयों के खिलाफ है, ऐसे संगठन के खिलाफ असम सरकार को तुरंत कड़ा कदम उठाना चाहिए। एएएमएसयू को प्रतिबंधित संगठन घोषित करना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेना ने जानकारी दी है कि हिंदू संगठनों से जुड़ी महिलाएं 27 नवंबर को धर्म युद्ध में शामिल होंगी।

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