राजस्थान के अलवर मॉब लिंचिंग और गोतस्करी की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम के लिए अब दो पुलिस अधीक्षक लगाए जाने के साथ ही करीब 100 पुलिसकर्मियों का अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया जाएगा। अब अलवर में शहर और ग्रामीण दो पुलिस अधीक्षक होंगे।
दोनों पदों पर भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को लगाया जाएगा। अलवर के साथ ही भरतपुर जिले में भी पुलिसकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। हरियाणा और दिल्ली से सटे अलवर जिले में पिछले एक साल में कथित गोतस्करी और मॉब लिंचिंग की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। एक साल में कथित गोरक्षकों और गोतस्करों के बीच हुए संघर्ष में तीन कथित गोतस्करों की मौत हुई है। इनमें पहलू खां और अकबर की मौत को लेकर तो सड़क से लेकर संसदद तक हंगामा हुआ।
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को संसद में बयान देना पड़ा था। राज्य में पिछले तीन साल में गोतस्करी के एक हजार से अधिक मामले दर्ज हुए,इनमें से अकेले अलवर में 371 और भरतपुर में 109 है । इन मामलों में 2 हजार 3 लोगों की गिरफ्तारी हुई,इनमें अकेले अलवर में 582 लोगंबबंबों की गिरफ्तारी हुई है ।
अलवर में पुलिस पर फाायरिंग के मामले भी कई बार हो चुके है । अलवर पुलिस के अनुसार जिले में गो तस्करी के साथ अन्य अपराध भी बढ़े है । साल 2017 में अलवर में कुल 17 हजार और इस साल जुलाई तक करीब 9 हजार मामले दर्ज हुए है।