नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की। दोनों ही नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने के विषय में चर्चा की। ट्रम्प ने मालदीव में चल रहे राजनैतिक संकट पर भी चिंता जाहिर की।
बातचीत का ब्यौरा देते हुए व्हाइट हाउस ने बताया, “दोनों नेताओं ने मालदीव में राजनैतिक संकट पर चिंता जताई और लोकतांत्रिक संस्थाओं और कानून की महत्ता पर चर्चा की।”
अफगानिस्तान में शांति बहाल करने के मुद्दे पर भी हुई चर्चा
राष्ट्रपति ट्रम्प की दक्षिण एशिया रणनीति की पुष्टि करते हुए उन्होंने अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता के समर्थन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने मालदीव में राजनीतिक संकट और लोकतांत्रिक संस्थानों और कानून के शासन के संबंध में सम्मान के बारे में चिंता व्यक्त की।
दोनों नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र, अफगान युद्ध, मालदीव में चल रहे राजनीतिक संकट, म्यांमार की रोहिंगिया शरणार्थियों की स्थिति और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम में सुरक्षा पर विचार विमर्श किया। वहीं अमेरिका का मानना है कि यह रोहंगिया शरणार्थियों की वापसी के लिए सही समय नहीं है।
व्हाइट हाउस के मुताबिक, ट्रम्प और मोदी ने कॉल के दौरान उत्तर कोरिया के परमाणुकरण को सुनिश्चित करने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की। जून 2017 में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच व्हाइट हाउस में हुई बैठक के बाद द्विपक्षीय वार्ता की घोषणा हुई थी।
इस साल ट्रंप और मोदी के बीच फोन पर हुई पहली बातचीत के बारे में व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने मालदीव में राजनीतिक संकट पर चिंता जतायी और लोकतांत्रिक संस्थाओं तथा विधि के शासन का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया।’’
आपको बता दें कि, मालदीव में अभी आपातकाल की घोषणा की गई है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद और एक अन्य न्यायाधीश अली हमीद को भी गिरफ्तार किया गया है।