शर्तो में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि अफगानिस्तान में हमला करने वाले आतंकी गुटों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के बाद ही पाकिस्तान को सैन्य मदद की सुविधा का लाभ मिल सकेगा।
वाशिंगटन । अमेरिका की पाकिस्तान पर सख्ती का असर दिखने लगा है। ट्रंप सरकार ने पाकिस्तान को सशर्त सैन्य आर्थिक मदद के तौर पर 25.5 करोड़ डॉलर (1631 करोड़ रुपया) देने की घोषणा की है। इसकी जानकारी संसद को बुधवार को दी गई। पाकिस्तान इस राशि का इस्तेमाल निर्धारित शर्तो को पूरा करने के बाद ही कर सकता है। इसके तहत इस्लामाबाद को अफगानिस्तान में आतंक फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई के सुबूत देने होंगे।
राष्ट्रपति ट्रंप ने 22 अगस्त को अफगानिस्तान के लिए नई नीति की घोषणा की थी। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकी गुटों का पनाहगाह बताते हुए इन्हें खत्म करने को कहा था। इसके कुछ दिनों बाद ही ट्रंप सरकार ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने की बात कही है लेकिन, पहले की तरह अब यह बिना शर्त नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शर्तो में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि अफगानिस्तान में हमला करने वाले आतंकी गुटों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के बाद ही पाकिस्तान को सैन्य मदद की सुविधा का लाभ मिल सकेगा। तय समय-सीमा में ऐसा न करने की स्थिति में सहायता राशि अमेरिका के पास वापस चली जाएगी।
अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस्लामाबाद द्वारा तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई करने के बाद फंड जारी कर दिया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकाने पूरे क्षेत्र के लिए खतरा हैं।
ऐसे में यह अमेरिका के हित में है कि इस्लामाबाद आतंकियों को पनपने से रोके। मालूम हो कि ट्रंप की घोषणा के बाद दोनों देशों के रिश्ते तल्ख हो गए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अमेरिका का प्रस्तावित दौरा टाल दिया है।