नई दिल्ली: देश में बार-बार नवजात शिशुओं की मौतों की खबर आ रही हैं। हैरतअंगेज यह है कि ये मौतें हॉस्पिटल में हो रही हैं। राजस्थान के बांसवाड़ा में महात्मा गांधी चिकित्सालय में 51 दिनों के भीतर 81 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है। राजस्थान सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। हॉस्पिटल के बाल्य चिकित्सा विभाग के मुताबिक, ये मौतें कुपोषण से हुई हैं।
पिछले दिनों रायपुर के अंबेडकरनगर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन न मिलने से 3 बच्चों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया। कहा जा रहा है कि ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी के सो जाने से हादसा हुआ है। ऑक्सीजन सप्लाई के तैनात डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि इसी तरह का हादसा गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी कुछ समय पहले हुआ था जिसमें दर्जनों बच्चों की मौत हो गई थी। हालांकि सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से मौत को खारिज कर दिया था। योगी सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत की खबरों से इनकार कर दिया था। पर यह सवाल जरूर उठता रहा है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई तो फिर किस वजह से हुई ?
मामले के आरोपी निलंबित प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। डॉ. मिश्रा और उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला (सीनियर होमियोपैथी मेडिकल ऑफिसर) को गुरुवार को कड़ी सुरक्षा में अपर जिला सत्र न्यायाधीश शिवानंद सिंह की अदालत नंबर आठ में पुलिस ने पेश किया। यहां से पुलिस ने न्यायालय से मांग की कि इस गंभीर मामले में उन्हें काफी तथ्य जुटाने हैं और इसलिए दोनों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया जाए, ताकि एफआईआर में उन पर लगाए गए आरोपों की पड़ताल कर जरूरी साक्ष्य जुटाए जा सकें।
अब बांसवाड़ा के हॉस्पिटल में 51 दिनों में 81 बच्चों की मौत
