नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलीस्तीन की यात्रा पर जाएंगे और यह जानकारी फिलीस्तीन के राजदूत अदनान ए अलीहाइजा की ओर से गुरुवार को दी गई है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह यात्रा कब होगी।
अलीहाइजा ने ऐसे समय में यह घोषणा की है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यरूशलम को इस्राइल की राजधानी बताए जाने के बाद शुक्रवार को एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है।
अरब के कई नेताओं ने चेतावनी दी है कि ट्रंप का यह विवादास्पद फैसला पहले से ही अस्थिर चल रहे पश्चिम एशिया में उथल-पुथल मचा सकता है। राजदूत ने राज्यसभा टीवी से कहा, ”मैं यहां ऐलान करुंगा और आपसे पहले किसी को नहीं पता कि मोदी, फिलीस्तीन की यात्रा करेंगे।’ हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यात्रा कब होगी।
अलीहाइजा ने चैनल पर एक परिचर्चा में भाग लेते हुए कहा कि भारत, फिलीस्तीन के मुद्दों का और दो राष्ट्रों के बीच समाधान का समर्थक रहा है। मोदी जुलाई में इस्राइल गये थे और उस देश की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बन गये थे।
यरूशलम को इजरायल की राजधानी करार देने की अमेरिका की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने आज कहा कि फिलीस्तीन पर उसका रुख स्वतंत्र, सतत है और किसी तीसरे पक्ष द्वारा निर्धारित नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि फलस्तीन पर भारत का रुख उसके खुद के विचारों और हितों से तय होता है, किसी तीसरे देश द्वारा निर्धारित नहीं होता।