पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से पारसी समाज आहत है। पारसी समाज ने अटल जी के सम्मान में नवरोज उत्सव स्थगित कर दिया है। यह उत्सव शुक्रवार को होना था। इसकी सारी तैयारियां कर ली गई थी। लेकिन निधन की खबर के बाद अब इसे स्थगित करते हुए 19 अगस्त रविवार को मनाने का फैसला लिया गया है। नवरोज उत्सव जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित पारसी होटल में होगा।
पारसी समाज धूमधाम से नवरोज (नववर्ष) मनाता है। इसका शुभारंभ कुलदेवता जराथ्रुस्ट्र की पूजा-अर्चना से होना था। शुक्रवार को सिर्फ पूजा-पाठ की किया गया। समाज की सचिव केटी मालगेमवाला ने बताया कि समाज के लोग नवरोज पर सबसे पहले अपने घर पर नहा-धोकर नए कपड़े पहनकर पूजा करते हैं, फिर शाम को फायर टेंपल की सामूहिक पूजा में शामिल होते हैं। इस मौके पर सगुन के तौर पर राहर की दाल, चावल, फिश पाटिया, मीठी दही, सेवई आदि बनाई जाती है। शुक्रवार को शाम सात बजे पारसी होस्टल में एक बार फिर जराथ्रुस्ट्र की पूजा के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होना था जिसमें समाज के बच्चे गीत, संगीत व नृत्य प्रस्तुत करनेवाले थे। इस दौरान दसवीं की परीक्षा में अव्वल बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाना था, जबकि 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को स्मृति चिह्न भेंट किए जाने थे। रात को सहभोज होना था। अब ये सभी कार्यक्रम रविवार को होंगे।
वैसे तो पारसी समाज के लोग सभी बड़े शहरों में हैं, लेकिन जमशेदपुर में उनका महत्व इसलिए ज्यादा है क्योंकि यह जेएन टाटा का बसाया हुआ शहर है। एक समय में यहां 750 पारसी परिवार थे, जबकि अब करीब 125 परिवार ही बचे हैं। इनमें भी अधिकांश 60 वर्ष से ऊपर के ही लोग हैं। नौकरी या रोजगार के अभाव में युवा दूसरे शहरों व विदेश में रह रहे हैं, जो साल में एक-दो बार आते हैं।